जतिन ने चार महीने पहले पूरी की एलएलबी की डिग्री
श्रीगंगानगर के पुरानी आबादी रवि चौक के पास रहने वाले अधिवक्ता बनवारीलाल कड़ेला के छोटे बेटे जतिन कड़ेला ने आरजेएस के चयनितों में बाजी मारी। 21 वर्षीय जतिन ने पांच वर्षीय एलएलएबी की डिग्री जोधपुर से इसी साल हासिल की थी। इसके बाद वह अपने ब़ड़े भाई अंकित के साथ आरजेएस परीक्षा के लिए आवेदन किया। इन दोनों भाईयों ने अपने घर पर ही तैयारियां की। स्व अध्ययन करने की ललक इन दोनों भाईयों में बनी रही। लेकिन अंकित का प्री टेस्ट में चयन नहीं हो पाया लेकिन जतिन को भाग्य ने साथ दिया। उसे प्री टेस्ट के अलावा मैंन्स परीक्षा और साक्षात्कार टेस्ट भी पास कर लिया। दीपावली से दो दिन पहले आए आरजेएस परीक्षा परिणाम में जतिन ने अपने माता पिता और दादा का नाम रोशन किया है। उसके पिता बनवारीलाल कड़ेला पहले पोक्सो कोर्ट संख्या दो के विशिष्ट लोक अभियोजक के पद पर रहे चुके है। अधिवक्ता कड़ेला मूल रूप से गांव घंमडिया के एक डीबीएन चक के मूल निवासी है। इनकी पत्नी यानि जतिन की मम्मी रोशनदेवी हाउस वाइफ है। कड़ेला ने बताया कि उसके पिता बंशीलाल खेती करते थे, उनका सपना था कि कोई परिवार का बच्चा बड़ा अफसर बनेगा। बनवारीलाल और रोशनीदेवी रोजाना शिवालय में आकर धोक लगाते है, अपने बेटे के चयन पर होने बोले कि भोले की कृपा हो गई।अक्षिता शर्मा बोली, कोचिंग सिर्फ ढकोसला
इधर, करणपुर की अक्षिता शर्मा ने बताया कि उसने कभी कोचिंग नहीं ली। बीएससी खालसा कॉलेज से की और एलएलबी जयपुर विश्वविद्यालय के जयपुर से की। घर आकर आरजेएस के लिए खुद ही नोट़स बनाए और सोशल मीडिया के माध्यम से अलग अलग साइटों से हर कानूनी पहलूओं को अपनी रीडिंग का हिस्सा बनाया। नियमित पढ़ाई की। किसी से कोचिंग लेने की जरुरत नहीं थी। शर्मा ने बताया कि कोचिंग कराने वाली संस्थाअेां में मोटी फीस मध्यम वर्गीय परिवार के लिए बड़ी रकम होती है, पढ़ाई करने के लिए वहां जाने की जरुरत नहीं है। घर पर स्व अध्ययन से बड़ी ताकत मिलती है और इसका परिणाम आज सामने आ गया है। अक्षिता शर्मा की बहन दीक्षिता एसबीआई में चयनित हो चुकी है। पिता सुधीर शर्मा अधिवक्ता और मम्मी सुनीता शर्मा गृहिणी है।रेणु चंदौरा ने भी अपने बलबूते पाया मुकाम
श्रीगंगानगर के रिदि़धसिदि़धादितीय में डा. रोहिताश चंदौरा की पत्नी रेणु भोभरिया का भी आरजेएस में चयन हुआ है। रेणु ने राजस्थान में 68 वीं रैकिंग हासिल की। रेणु मूल रूप से लूणकरनसर की रहने वाली है। जबकि उनके पति चंदौरा रावतसर के हैं। चंदौरा यहां निजी हॉस्पिटल में पिछले तीन सालों से चिकित्सक है। इनका चार वर्षीय बेटा भी है। रेणु ने एलएलबी बीकानेर से की थी, इसके बाद वे एलएलएम, नेट सहित कई डिग्रियां हासिल की। पिछले साल जेएलओ परीक्षा पास की लेकिन ज्वाइनिंग नहीं की। अपने घर पर ही बिना कोचिंग से आरजेएस बनने की तैयारी की और इसका परिणाम भी उनके आशा के अनुरुप आया है। रेणु की बहन भावना भी आरजेएस है और वे सूरतगढ़ में न्यायिक मजिस्ट्रेट के पद पर कार्यरत है।