
बहन ने किडनी देकर बचा ली भाई की सांसें
राखी जीवन रक्षा का बंधन,दस सालों से जिंदगी और मौत से जूझ रहा था भाई
-दस सालों से जिंदगी और मौत से जूझ रहा था भाई
कृष्ण चौहान
श्रीगंगानगर.रक्षाबंधन का त्योहार बहन और भाई के अटूट विश्वास,सहयोग और बंधन का पर्व माना गया है। इस पर्व पर नई धानमंडी घड़साना तहसील के गांव 16 केडब्ल्यूएम की गुरनाम कौर ने अपने छोटे भाई को रक्षाबंधन पर किडनी ट्रांसप्लांट करवाकर नई जिंदगी दी है। भाई के लिए इससे बड़ा उपहार बहन की तरफ से और कोई हो ही नहीं सकता। रायसिंहनगर तहसील के गांव 22 पीटीडी का सोहन लाल कई सालों से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा था। किडनी खराब होने से वह डायलिसिस पर था। जून 2011 में सोहन लाल का एक गुर्दा (किडनी) खराब हुआ। इसके बाद जयपुर,लुधियाना,दिल्ली,अहमदाबाद से लगातार इलाज चलता रहा। इस बीच मार्च 2021 को दूसरे गुर्दे ने भी काम करना बंद कर दिया। अब जीवन बचाने के लिए गुर्दा प्रत्यारोपण ही एक मात्र उपाय था।
बहन ने निभाया फर्ज
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जिंदगी बचाने के लिए सोहन लाल के भाई जसवंत सिंह ने बड़ा होने का फर्ज निभाने का निर्णय किया और किडनी देने को तैयार हो गया। किडनी लेने से पहले उसकी जांचें करवाई तो किडनी में पथरी मिली। इस पर चिकित्सकों ने उसकी किडनी लेने से इनकार कर दिया। इसकी जानकारी बड़ी बहन गुरनाम कौर को मिली तो उसने छोटे भाई का जीवन बचाने के लिए किडनी देने का मन बना लिया। जांच हुई तो उसकी किडनी प्रत्यारोपण योग्य पाई गई।
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जयपुर में हुआ प्रत्यारोपण
प्रारंभिक जांचों में सब कुछ सामान्य आने पर जयपुर के मणिपाल हॉस्पिटल में कुछ और जांचें हुई। इन जांचों के नतीजों से चिकित्सक संतुष्ट थे, इसलिए इसी माह 8 अगस्त को सोहन लाल को उसकी बहन का गुर्दा प्रत्यारोपित कर दिया। ऑपरेशन सफल रहा और मरीज की हालत में अब सुधार हो रहा है।
बड़े भाई ने किया तैयार
बड़े भाई वरिष्ठ अध्यापक मोहन लाल चौहान ने बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट के लिए छोटे भाई सोहनलाल को मानसिक रूप से तैयार किया गया। परिवार के सभी सदस्यों से विचार-विमर्श किया। इस बीच किडनी ट्रांसप्लांट के वक्त भी उपस्थित रहा। डॉक्टर्स से सब प्रकार की जानकारी समय-समय पर लेते रहे। अब भाई- बहन दोनों ही स्वस्थ हैं।
Published on:
11 Aug 2022 09:01 am
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