श्रीगंगानगर. आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मानदेय महिला कार्मिकों ने कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर अपना रोष व्यक्त किया। अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ की ओर से आयोजित इस धरना प्रदर्शन के दौरान साडा हक, एत्थे रख नारों से कलक्ट्रेट एरिया गूंज उठा। जिले के दूर दराज इलाके से आई इन महिलाओं ने सुबह ग्यारह बजे से शाम चार बजे तक कलक्ट्रेट के आगे धरना देकर अपनी मांगों को प्रमुखता से उठाया। इस दौरान वक्ताओं का कहना था कि राज्य सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में मानदेय महिलाओं को स्थायी करने का आश्वासन दिया था लेकिन यह वायदा अब पूरा नहीं हो रहा है। मानदेय राशि अठारह हजार रुपए मासिक करने, गर्म पोषाहार नाश्ता का भत्ता महज 45 पैसे से बढ़ाकर एक सौ रुपए करने, कार्यकर्ता का मानदेय के साथ सीबीपीएमवाई, डाटा फीडिंग व मानदेय का भुगतान एक मुश्त करने, उड़ान योजना के तहत स्वयं के मानदेय से संदूक खरीद गए हैं लेकिन इसकी राशि का भुगतान नहीं मिला है, यह भुगतान कराने आदि मांगों पर फोकस किया। वक्ताओं में जिलाध्यक्ष सीता स्वामी, संभाग अध्यक्ष छिन्द्रपाल कौर, रजनी छाबड़ा, मंजू स्वामी, सुमन सोनी, निर्मला, उर्मिला बिश्नोई, सुमन गुनेजा, सुखजीत कौर, कांता, नीलम, परमजीत आदि शामिल थी।
कलक्ट्रेट से लेकर गंगासिंह चौक तक इन महिलाओं के धरना लगाए जाने से पूरा रास्ता बंद हो गया। इससे लोगों को यू टर्न होना पड़ा। बैरीकेट्स लगाकर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई। वहीं संगठन की महिलाओं ने धरना स्थल पर सर्दी को देखते हुए दरी के अलावा वहां गद्दे मंगवाए गए ताकि कोई महिला बीमार नहीं
इस धरना स्थल पर वक्ताओं ने कई अफसरों पर आरोप प्रत्यारोप भी लगाए। इस दौरान आरोप लगाया कि रायसिंहनगर क्षेत्र में महिला सुपरवाइजरों ने संदूक की खरीद की जबकि भुगतान कार्यकर्ताओं से कराया गया, इस खेल में कई महिला सुपरवाइजरों ने संदूक खरीद में करीब पचास फीसदी बजट राशि खुर्दबुर्द की। नियमानुसार कार्यकर्ता को स्वयं खरीद करना था लेकिन सुपरवाइजरोें ने अनावश्यक दबाव देकर खुद यह खरीद कराई। इसी तरह सादुलशहर सीपीडीपीओ के कार्यवाहक अधिकारी पर महिला वर्करों को आर्थिक और मानसिक रूप से तंग करने का आरोप लगाया। वहीं श्रीगंगानगर ग्रामीण क्षेत्र की कई महिला सुपरवाइजर पर जानबूझकर केन्द्रों की अनावश्यक जांच के नाम पर तंग करने और बार बार नोटिस दिए जाने का आरोप लगाया, संबंधित महिला सुपरवाइजरों के नाम भी सार्वजनिक किए गए। कई महिलाओं का कहना था कि घर में काम करने वाली बाई का वेतन जितना हमें मानदेय नहीं मिलता उससे ज्यादा सुपरवाइजर और सीपीडीपीओ नौकरी से हटाने की धमकियां देते हैं। यह प्रताड़ना कब तक झेलते रहेंगे। कई महिलाएं भी अपनी पीड़ा सुनाती सुनाती बिफर भी गई।
इस बीच, धरना स्थल पर महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक रीना छींपा और उपखंड अधिकारी मनोज मीणा दोनों अफसर पहुंचे और इन महिलाओं की ओर से दिए गए ज्ञापन को स्वीकार किया। इस दौरान साथिनों ने भी अपनी मांगों का ज्ञापन इन दोनों अधिकारियों को सौंपा। साथिन समेस्ता ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में काम करने वाली साथिनों का मानदेय 21 हजार रुपए करने, विभिन्न पदों पर पचास फीसदी कोटा साथिन के लिए आरक्षित करने की मांग भी रखी।