श्रीगंगानगर.अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को बेहतर एवं गुणवत्तापूर्ण सेवाएं, सुविधाएं और साफ-सफाई मुहैया करवानी है। इन तमाम प्रयासों की बदौलत राजकीय जिला चिकित्सालय को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड सर्टिफिकेट एनक्यूएएस मिलने की उम्मीद की जा सकती है। जिसके बाद चिकित्सालय को स्पेशल फंड मिलेगा। इसका इस्तेमाल मरीजों को उच्च स्तरीय सेवाएं उपलब्ध करवाने पर खर्च किया जाता है। नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड सर्टिफिकेट के लिए राज्य की टीम ने दस अस्पतालों में इस बार श्रीगंगानगर और सीकर जिला चिकित्सालय का चयन किया है। अब इसके लिए दिल्ली से नेशनल स्तर की टीम आएगी। इसको लेकर राजकीय जिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ.बलदेव सिंह चौहान, उप नियंत्रक डॉ.प्रेम बजाज, नर्सिंग अधीक्षक सतपाल लखेसर व हेल्थ मैनेजर शविंद्र सिंह, डॉ.देवेंद्र ग्रोवर, नोडल प्रभारी टेकचंद सहित अन्य डॉक्टर्स व नर्सिंग स्टाफ ने नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड सर्टिफिकेट के मापदंडों पर विस्तृत चर्चा की गई। राज्य स्तर पर अस्पताल का चयन होने पर अब जल्द नेशनल स्तर की टीम जांच के लिए आएगी। इसकी अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई है।
गौरतलब है कि जनवरी माह में कायाकल्प की जयपुर से टीम आई थी। इस टीम में सलाहकार डॉ.ज्योति मीणा व एसपीओ डॉ.प्रदीप सिंह की टीम ने चिकित्सालय के एक-एक वार्ड का बारीकी से निरीक्षण किया था। उल्लेखनीय है कि राजकीय जिला चिकित्सालय श्रीगंगानगर कायाकल्प में प्रथम आवार्ड जीत चुका है।
बेहतर व्यवस्था की वजह से राज्य स्तर पर हुआ चयन टीम ने चिकित्सालय के एमसीएच यूनिट, एसएनसीयू, लेबर रूम, ऑपरेशन थियेटर, ब्लड बैंक, फायर फाइटिंग सिस्टम, जीरियट्रिक वार्ड, रिकॉर्ड रूम सहित अन्य वार्डों आदि में व्यवस्था की बारीकी से जांच की थी। विभागीय मापदंडों पर जिला अस्पताल खरा उतरा है। टीम ने अस्पताल को 80 प्रतिशत अंक दिए हैं। अब नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड सर्टिफिकेट मिलने की अब उम्मीद जगी है।
चिकित्सालय में अलग व किया सुधार
आई वार्ड में सप्ताह में दो शिविर लगाकर बेहतर सर्जरी करना, प्राइवेट अस्पताल की तर्ज पर सरकारी अस्पताल में पहले की तुलना में काफी सुधार किया गया है। साफ-सफाई, सर्विस, ब्लड बैंक, दवा व उपचार आदि में बहुत सुधार हुआ है और चिकित्सालय में शौचालयों की नियमित साफ-सफाई, मेडिकल बायोवेस्ट का एक-एक वार्ड में विभाग की गाइड लाइन के अनुसार निस्तारण किया गया है।
सर्टिफिकेट पर मिलेगी प्रति वर्ष 40 लाख रुपए की राशि नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड सर्टिफिकेट मिलने पर जिला चिकित्सालय को प्रति वर्ष 40-40 लाख रुपए की राशि मिलेगी। यह राशि चिकित्सालय में सुविधाएं बढ़ाने पर खर्च की जा सकती है। चिकित्सालय में 400 बैड है और प्रति बैड दस हजार रुपए की राशि का प्रावधान है। तीन वर्ष तक यह राशि दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड सर्टिफिकेट प्रदेश में 2017 में राजसमंद, 2018 में झुंझनू व चितौडगढ़़ व 2019 में हनुमानगढ़ जिले को मिल चुका है।
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नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड सर्टिफिकेट के लिए राज्य स्तर पर श्रीगंगानगर व सीकर का चयन हुआ है। अब इस सर्टिफिकेट के लिए नेशनल स्तर से टीम आएगी। डॉ.बलदेव सिंह चौहान,पीएमओ,श्रीगंगानगर।