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अमृत योजना: आठ बार निविदा के बावजूद फर्मों ने नहीं दिखाई रुचि

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श्रीगंगानगर.

अमृत योजना के अंतर्गत शहर में पार्कों का सौदर्यकरण, विदेशी महंगे पौधे लगाने और अन्य कार्यों के लिए नगर परिषद ने दो साल के दौरान आठ बार निविदाएं आमंत्रित की, लेकिन इन कार्यों के लिए एक भी फर्म आगे नहीं आई। इस योजना में शहर के पार्कों में लगभग 70 लाख रुपए के विदेशी पौधे लगाना प्रस्तावित है। शनिवार को कलक्ट्रेट में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री अर्जुन मेघवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह मुद्दा प्रमुखता से उठा।

इस पर मंत्री ने आयुक्त से पूछा कि आठ बार टेंडर लगाने के बावजूद कोई फर्म आगे क्यों नहीं आ रही है? यदि कोई आगे नहीं आ रहा है तो फिर इस प्लान में किसी अन्य वर्क को शािमल करते हुए इसे दुबारा बनाया जाए। इस पर आयुक्त सुनीता चौधरी ने बताया कि अब डीएलबी से इस संबंध में पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा जाएगा। इसके बाद आगे इस प्रोजेक्ट पर कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि डीएलबी के आदेश पर नगर परिषद ने दो साल पहले अमृत योजना में नगर परिषद और यूआईटी एरिया में विभिन्न कार्यों के लिए 55 करोड़ रुपए का प्लान बनाया था। बाद में डीएलबी ने इस प्लान में कटौती कर बजट बहुत कम कर दिया। नगर परिषद ने कई बार इस योजना के लिए टेंडर लगाए, लेकिन कोई फर्म आगे ही नहीं आई।

प्रशिक्षण कार्यक्रम पर मोटा खचा
नगर परिषद की निर्माण शाखा के अनुसार अमृत योजना के अंतर्गत क्षमता संवर्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम में 15 से 17 जून 2015 तक पंचकूला में प्रशिक्षण हुआ। नगर परिषद से पार्षद बालकिशन कुलचानियां, प्रेम स्वामी,जवाहर चावला, संदीप शर्मा और पंकज बंगाली इसमें शामिल हुए थे। इसके अलावा 17 से 19 अक्टूबर तक केरल के त्रिवेंद्रम में हुए प्रशिक्षण में आयुक्त सुनीता चौधरी व राजस्व अधिकारी मिल्खराज चुघ शामिल हुए। दोनों प्रशिक्षण पर बड़ी राशि खर्च की गई।

अमृत योजना का यह था प्लान
-पार्कों के सौंदर्यकरण के लिए विदेशी पौधे लगाना।
-पार्कों में पैदल ट्रैक, ग्रीनरी व अन्य कार्य शामिल।