श्रीगंगानगर.श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ को पूरे राजस्थान में अन्न का कटोरा यूं ही नहीं कहा जाता। यहां उत्पादित होने वाला गेहूं प्रदेश के जरूरतमंद 44 फीसदी से ज्यादा परिवारों को खाद्य सुरक्षा देता है। श्रीगंगानगर खंड में हर वर्ष करीब 27 लाख 19 हजार मीट्रिक टन से अधिक गेहूं का उत्पादन होता है। भारतीय खाद्य निगम ने बीते वर्ष यहां से 13.60 लाख मीट्रिक टन गेहूं एमएसपी पर खरीद किया था।
राज्य की खाद्य सुरक्षा योजना के लिए हर वर्ष करीब 27 लाख मीट्रिक टन गेहूं की आवश्यकता होती है। इनमें से 12 लाख मीट्रिक टन गेहूं अकेला श्रीगंगानगर खंड आपूर्ति करता है। पिछले माह ही यहां से 90 हजार मीट्रिक टन गेहूं प्रदेश के अन्य हिस्सों में भेजा गया। बीकानेर, जोधपुर, अजमेर, जयपुर और उदयपुर संभाग के लाखों परिवारों तक पहुंचने वाला अधिकतर गेहूं यहीं से उठता है।
150 से ज्यादा विशाल गोदाम, जहां सुरक्षित स्टॉक
श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ में एफसीआई और अन्य एजेंसियों के करीब 150 बड़े गोदाम हैं। हनुमानगढ़ व श्रीविजयनगर में निगम के विशाल भंडारण केन्द्र हैं, जहां 4.28 लाख मीट्रिक टन गेहूं का स्टॉक है। गंग कैनाल, भाखड़ा और आईजीएनपी जैसी नहर परियोजनाओं से सिंचाई मिलने के कारण इस क्षेत्र की जमीन बेहतर गुणवत्ता, चमकदार और भारी दानों वाला गेहूं देने के लिए जानी जाती है। यही कारण है कि यहां के किसानों का उत्पादन राज्यभर की खाद्य जरूरत पूरी करने में सबसे बड़ी भूमिका निभाता है।
मानकों पर राज्य में सर्वश्रेष्ठ
श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ से प्राप्त गेहूं पूरे वर्ष की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थित योजना के साथ भेजा जा रहा है। यहां का गेहूं गुणवत्ता, नमी और चमक के मानकों पर राज्य में सर्वश्रेष्ठ है।
चौधरी अभिरीत, क्षेत्रीय मंडल प्रबंधक, भारतीय खाद्य निगम, श्रीगंगानगर मंडल