
20 साल बाद परिवार से मिली महिला (फोटो-पत्रिका)
श्रीगंगानगर। मतदाता गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम (SIR) के दौरान सतर्क बीएलओ और पुलिस की सूझबूझ ने एक महिला की 20 साल पुरानी गुमशुदगी का रहस्य सुलझा दिया। गांव 5 जीबी के सामुदायिक भवन में अकेले रह रही बादू देवी को गुरुवार को पुलिस ने उसके परिवार के हवाले किया, जिससे ग्रामीणों में भावुक माहौल बन गया।
जानकारी के अनुसार, बादू देवी कई वर्षों से गांव के सामुदायिक भवन में रह रही थी। SIR के दौरान बीएलओ संतोष बिश्नोई उनसे मतदाता पहचान पत्र और पुराने रिकॉर्ड के बारे में जानकारी लेने पहुंचे। शुरू में महिला बातें टालती रही, लेकिन समझाने पर उसने बताया कि उसका नाम कभी हरियाणा की मतदाता सूची में था। यह विवरण पूरे मामले में पहला महत्वपूर्ण सुराग साबित हुआ।
बीएलओ ने तुरंत स्थानीय पुलिस को जानकारी दी। इसके बाद ऑनलाइन और संबंधित थाने की मतदाता सूचियों में खोजबीन की गई, जिसमें महिला की पहचान और उसके परिजनों का पता चला। जांच में सामने आया कि करीब 20 वर्ष पहले पारिवारिक विवाद के बाद बादू देवी घर छोड़कर चली गई थी। उस समय नहर किनारे उसकी चप्पल मिलने से परिजनों ने आत्महत्या की आशंका जताई थी और इसके बाद तलाश बंद कर दी गई थी।
पुलिस से सूचना मिलते ही महिला का बेटा देवीलाल, उसकी पत्नी रोशनी और पोता राज वर्मा जैतसर पहुंचे। यहां पुलिस ने औपचारिक प्रक्रिया पूरी कर बादू देवी को उनके परिवार को सौंप दिया। लंबे समय बाद मां को सामने पाकर परिवार भावुक हो गया।
ग्रामीणों ने SIR अभियान के दौरान प्रशासन और पुलिस की इस मानवीय पहल की सराहना की। अधिकारियों ने कहा कि सही तरीके से किए गए पुनरीक्षण कार्यक्रम न केवल रिकॉर्ड सुधारते हैं, बल्कि कई बार जीवन को नई दिशा भी दे देते हैं।
Published on:
12 Dec 2025 06:10 am
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