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पुरानी आबादी के गड्ढे की सफाई का ठेका फिर अटका

-चार ठेकेदारों का बना पूल, लेकिन एक ने कम रेट डालकर तोड़ी रणनीति

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श्रीगंगानगर। पुरानी आबादी क्षेत्र के गड्ढे की सफाई के लिए पोकलेन मशीन व ट्रैक्टर-ट्रॉलियां लगाने का ठेका एक बार फिर अधर में लटक गया है। नगर परिषद ने करीब पचास लाख रुपए के इस काम के लिए पिछले माह निविदाएं आमंत्रित की थीं। ठेका 17 नवम्बर को तय होना था, लेकिन अंतिम समय में ठेकेदारों की खींचतान के चलते मामला फिर रुक गया। सूत्रों के अनुसार चार ठेकेदार फर्मों ने आपस में पूल बनाकर समान रेट लगाने की रणनीति तैयार की थी। लेकिन इनकी जोड़-तोड़ उस समय ध्वस्त हो गई जब एक अन्य ठेकेदार ने स्पर्धा में उतरते हुए इससे भी कम रेट पर निविदा दायर कर दी। कम रेट की एंट्री से पूल में शामिल ठेकेदारों में हड़कंपमच गया। बताया जाता है कि इन ठेकेदारों ने एप्रोच लगाकर निविदा प्रक्रिया रोकने का प्रयास किया और ठेका फाइनल नहीं होने दिया।

फाइनल नहीं हुआ यह ठेका

दूसरी बार भी यही स्थिति बनी रही, जिससे नगर परिषद प्रशासन ने मंगलवार को वर्क ऑर्डर जारी करने की तैयारियां शुरू कीं। आयुक्त रविन्द्र सिंह यादव की अध्यक्षता में सहायक लेखाधिकारी, एक्सईएन सहित अधिकारियों की बैठक हुई। यूआईटी के लेखाधिकारी राजेश अरोड़ा, जिनके पास नगर परिषद का भी अतिरिक्त प्रभार है, उनसे भी निविदा प्रक्रिया पर सुझाव लिए गए।

जब दावड़ा ने उठाया था परदा

करीब तीन साल पहले नगर परिषद के तत्कालीन उपसभापति लक्की दावड़ा ने पोकलेन मशीन के ठेके में हुए कथित घालमेल का बड़ा खुलासा किया था। दावड़ा ने पोकलेन मशीन ठेकेदारों द्वारा किए गए भुगतान और कार्य से जुड़े दस्तावेज सार्वजनिक करते हुए आरोप लगाया था कि पोकलेन मशीन को एक ही दिन में लगातार बीस घंटे चलाने का आंकड़ा दिखाया गया, जो व्यवहारिक तौर पर संभव ही नहीं था। उन दिनों इस मामले में नगर परिषद प्रशासन ने दो ठेका फर्मों पर खासा दरियादिली दिखाई थी।

अब अगले चौबीस घंटे में लेंगे निर्णय

नगर परिषद आयुक्त रवीन्द्र सिंह यादव के अनुसार पुरानी आबादी गडढा क्षेत्र की सफाई के लिए पोकलेन मशीन और ट्रेक्टरट्रॉली के ठेके संबंधित निविदा की फाइल पर चर्चा हुई लेकिन अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है। अगले चौबीस घंटे में इस पर निर्णय होने की संभावना है।