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Video : मच्छरों से परेशान बच्चे, अधूरे पड़े सिस्टम में भरे पानी पर पनप रहे मच्छर

विद्यालय में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के तहत बन रहा रैन हार्वेस्टिंग सिस्टम यहां पढऩे वाले बच्चों के लिए बीमारियां फैलाने वाला साबित हो सकता है

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Water resources

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श्रीगंगानगर.

राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नंबर चार में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के तहत बन रहा रैन हार्वेस्टिंग सिस्टम यहां पढऩे वाले बच्चों के लिए बीमारियां फैलाने वाला साबित हो सकता है। दरअसल यहां अधूरे पड़े सिस्टम में गंदा पानी जमा हो गया है जिस पर मच्छर पनप रहे हैं। इन मच्छरों की वजह से बच्चों का कक्षा-कक्षों में बैठना मुश्किल हो रहा है। जुलाई में शुरू हुए रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का पहले गड्ढ़ा बनाकर छोड़ दिया था, पत्रिका ने मुद्दा उठाया तो निर्माण कार्य शुरू किया गया लेकिन वह चार महीने बाद भी काम अधूरा पड़ा है। यही नहीं सिस्टम बनाने के लिए स्कूल परिसर में जेसीबी और सामग्री ले जाने के लिए दीवार तोड़कर तोड़ी गई है। जो आज तक टूटी हुई ही है।

गरीब परिवारों के हैं विद्यार्थी
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नंबर चार में कक्षा एक से आठ तक 93 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। यहां पढऩे वाले बच्चों के परिवार आर्थिक स्थिति से इतने कमजोर हैं कि अगर बच्चे बीमारी की चपेट में आ जाएं तो इनके लिए इलाज कराना भी मुश्किल हो जाएगा। सभी बच्चे पांच से 15 साल के बीच के हैं।

दीवार को भी तोड़ा
विद्यालय में रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने के दौरान जेसीबी और सामग्री ले जाने के लिए दीवार को तोड़ा गया था। ये आज तक टूटी हुई ही पड़ी है। करीब 15 से 20 फीट तक तोड़ी गई दीवार के कारण विद्यालय परिसर में आवारा पशु दिनभर आते रहते हैं। वहीं सड़क के पास जहां से दीवार तोड़ी गई है उसके पास ही बालिकाओं के लिए शौचालय भी बना हुआ है। दीवार टूटी होने के कारण पिछले दिनों एक चोर विद्यालय परिसर में घूस गया था, हालांकि उसके पीछे आई पुलिस उसे हाथोहाथ पकड़ कर ले गई।

जर्जर दीवार भी है खतरनाक
विद्यालय की रोड की तरफ बनी दीवार जो करीब दस फीट ऊंची है। यह भी जर्जर अवस्था में है। प्रधानाध्यापक ने बताया कि दीवार के लिए विधायक ने कोटे से निर्माण कराने की घोषण की थी। जिसकी फाइल नगर परिषद में अटकी हुई है। नगर परिषद में इसके लिए अधिकारी से कई बार व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात की गई है, लेकिन इसका निर्माण शुरू नहीं हो पाया है।

इनका कहना है

रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को पूरा कराने के लिए लगातार प्रयास कर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है। लेकिन चार महीने बाद भी इसका निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। सिस्टम में पड़े पानी मच्छर पनप रहे हैं इससे बच्चों में बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है। पोषाहार जांच करने आए एडीएम को भी अवगत कराया गया था। अब लेटर जिला कलक्टर को दिया जाएगा।
जगदेव सिंह सिद्धू, प्रधानाध्यापक, राउप्रावि नंबर चार।

राउप्रावि नंबर चार में रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने का 3.52 लाख रुपए का टेंडर हुआ था। जिसका आज तक एक रुपया भी हमें नहीं दिया गया है। जबकि हमने इसका 70 से 80 प्रतिशत तक निर्माण पूरा करा दिया है। रुपए मिलते ही निर्माण पूरा कर देंगे।

सुशील गोदारा, ठेकेदार।

रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम निर्माण 70 प्रतिशत तक पूरा हो गया है। इसका बजट हमें नहीं मिल पाया है, इस कारण ठेकेदार ने काम रोक दिया है। आगामी सप्ताह में बजट मिलने की संभावना है। बजट मिलते ही प्राथमिकता से काम पूरा करा दिया जाएगा। दीवार को सामग्री ले जाने के लिए तोड़ा था, जिसे ठेकेदार से बनवाकर देंगे।
मंगत सेतिया, एक्सईएन, नगर परिषद श्रीगंगानगर।