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16 वर्ष से अधिक आयु के बच्चे हो रहे परीक्षा से वंचित

चालू शिक्षा सत्र की शुरुआत में राज्यभर में दो चरणों में प्रवेशोत्सव अभियान चला

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The teachers did not have to know the examination, half of the students remained deprived of the exams

The teachers did not have to know the examination, half of the students remained deprived of the exams

श्रीगंगानगर.

चालू शिक्षा सत्र की शुरुआत में राज्यभर में दो चरणों में प्रवेशोत्सव अभियान चलाया गया। तब संस्था प्रधानों ने ड्राप आउट (पढ़ाई बीच में छोडऩे वाले) बच्चों को भी प्रवेश दे दिए।इनमें से 16 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को परीक्षा से वंचित करने के फरमान से संस्था प्रधान और अभिभावक हैरान हैं। राज्यभर में ऐसे हजारों मामले सामने आने की संभावना देखते हुए निदेशालय ने ऐसे बच्चों के निरीक्षण के लिए 9 नवम्बर को समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश तो दे दिए परन्तु समय महज तीन दिन का दिया। इसमें भी 11 नवम्बर (शनिवार) कार्यदिवस नहीं है। ऐसे में 10 नवम्बर तक आधे बच्चों की सूचना भी नहीं पहुंच पाई। आठवीं बोर्ड के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 13 नवम्बर है। ऐसे में यदि राज्य सरकार इन बच्चों को शिथिलता भी देती है तो परीक्षा के लिए आवेदन करने के लिए महज एक दिन मिलेगा।


प्रवेशोत्सव के समय नहीं थे स्पष्ट निर्देश

प्रवेशोत्सव अभियान के समय नए प्रवेश के साथ-साथ ड्रॉप आउट बच्चों को वापस स्कूल से जोडऩे के राज्य सरकार के निर्देश थे। इसमें आयु के संबंध में स्पष्ट निर्देश नहीं थे।
-तेजप्रताप सिंह यादव, प्रधानाध्यापक, राउप्रावि, 3एलएलपी(श्रीगंगानगर)


स्पष्ट निर्देश नहीं होने से आई समस्या

प्रवेशोत्सव अभियान में ड्रॉप आउट बच्चों के संबंध में स्पष्ट निर्देश नहीं होने से उन्हें उसी कक्षा में वापस प्रवेश दिया गया जिसमें वे पढ़ाई बीच में छोड़कर गए थे। ऐसे में कई बच्चे निर्धारित आयु सीमा पार कर गए।
-सुरेश कौशिक, ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी, श्रीगंगानगर


आरटीई लागू होने से पहले के हैं बच्चे

राज्य में आरटीई लागू होने से कमजोर बच्चों को फेल किया जाता था। ऐसे बच्चे भी अब आठवीं कक्षा में अध्ययनरत हैं। इनमें से कई बच्चों की आयु 16 वर्ष पार कर गई।
-सुनील भाटिया, प्रिंसिपल, राउमावि मिर्जेवाला (श्रीगंगानगर)


सभी बच्चों को मिले परीक्षा का अवसर

आठवीं में अध्ययनरत सभी बच्चों को परीक्षा देने का अवसर मिलना चाहिए। ऐसा नहीं होता है तो भविष्य में राजकीय विद्यालयों में नामांकन पर असर पड़ेगा।
-भूपसिंह कूकणा, जिला मंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ, शेखावत, श्रीगंगानगर


मुझे अभी जानकारी नहीं

जिले के राजकीय और गैर राजकीय स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों की सूचना पीईओ के माध्यम से मांगी गई है। संबंधित क्लर्क से पूछने पर ही पता चलेगा कितनी जगह से सूचना आई।
-तेजासिंह, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक), श्रीगंगानगर

अभी बीईईओ से नहीं आई सूचना

अभी तक जिले के बीईईओ कार्यालयों से सूचना नहीं आई है। हालांकि सूचना भिजवाने के अंतिम दिन 11 नवम्बर को अवकाश है। ऐसे में 13 नवम्बर को सूचना जा पाएगी।
-अंग्रेज सिंह, कार्यवाहक जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक), श्रीगंगानगर