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बॉर्डर एरिया के पच्चीस किमी पर ड्रोन कैमरे के इस्तेमाल की अनुमति नहीं

The use of drone cameras is not allowed on 25 km of the border area.- सेना छावनी एरिया के तीन किमी पर भी प्रतिबंध, जिला स्तरीय स्टैडिंग कमेटी का निर्णय.

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बॉर्डर एरिया के पच्चीस किमी पर ड्रोन कैमरे के इस्तेमाल की अनुमति नहीं

बॉर्डर एरिया के पच्चीस किमी पर ड्रोन कैमरे के इस्तेमाल की अनुमति नहीं

श्रीगंगानगर. सीमा पर आ रहे ड्रोन कैमरे को लेकर सुरक्षा एजेसिंया चौकस है। वहीं अब जिला प्रशासन ने बॉर्डर एरिया के पच्चीस किमी तक ड्रोन कैमरे के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। यहां तक कि सेना छावनी या हवाई अड्डे के तीन किमी एरिया में भी ड्रोन की एंट्री पर रोक रहेगी।

जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट जाकिर हुसैन ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सवोज़्परि है। सभी सुरक्षा एजेसिंया और पुलिस प्रशासन का सुरक्षा को लेकर सभी की महत्वपूर्ण भूमिका है। सुरक्षा संबंधी बैठक जो प्रतिमाह आयोजित की जाकर विभिन्न इशू का निपटारा किया जायें। उन्होंने कहा कि विभिन्न एजेसियों की ओर से समय समय पर इनपुट दिए जाते है उन पर विशेष ध्यान और सतर्कता की जरूरत है।

यहा कलक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में जिला कलक्टर का कहना था कि जिले में ड्रोन कैमरें को सूचीबद्ध करने के साथ-साथ जानकारी दी जाये कि बॉर्डर एरिया से 25 किलोमीटर तथा सेना छावनी के तीन किलोमीटर के आसपास ड्रोन का उपयोग नहीं किया जा सकता। विवाह समारोह इत्यादि में उपयोग के लिए चौबीस घंटे पहले स्थानीय प्रशासन व पुलिस को सूचना देनी होगी।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर आमजन को जागरूक किया जाये कि ड्रोन का उपयोग बिना अनुमति नहीं हो।जिला कलक्टर ने निदेज़्श दिये कि बॉर्डर के पास अधिक ऊंचाई वाली फसलें न बोयी जाये।

उन्होंने कहा कि बीएसएफ, स्थानीय पुलिस, राजस्व व कृषि विभाग संयुक्त रूप से एक जागरूकता अभियान चलाकर किसानों को बताए कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये लगभग 2 फीट ऊंचाई वाली फसलें ही सीमा क्षेत्र के पास बोयी जाये, जिससे सुरक्षा ऐजेंसियों को निगाह रखने में आसानी होगी। जिला कलक्टर ने कहा कि सीमा क्षेत्र के आसपास मूलभूत सुविधाएं होनी चाहिए।

सुरक्षा ऐजेंसियों की आवश्यकता के अनुसार सड़क, पानी, बिजली इत्यादि सुविधाएं विकसित करने के लिये सुरक्षा बलों से प्राथमिकता के अनुसार कायोज़् की सूची ले लें।

अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन भवानी सिंह पंवार ने कहा कि अंतराज़्ष्ट्रीय सीमा के पास अवांछनीय गतिविधियां न हो, इसको लेकर किसान कम ऊंचाई की फसलों की बुवाई करें। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति के लिये जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन द्वारा लगातार नशा मुक्ति शिविर लगाकर युवाओं को जागरूक किया जा रहा है।

नशीली दवाओं को पकडऩे के लिये भी पर्याप्त कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि सीमा के समीप किसी प्रकार की अवांछनीय गतिविधि में शामिल संबंधित नागरिक के विरूद्ध पुलिस द्वारा प्रभावी कायज़्वाही की जानी चाहिए।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीआईडी दीक्षा कामरा ने कहा कि जिले में लगभग 55 ड्रोन है, जिन्हें सूचीबद्ध किया गया है।

माइक्रो एवं स्माल श्रेणी के ड्रोन का पंजीयन आवश्यक है। डिजिटल स्काई प्लेटफामज़् पर ड्रोन का पंजीयन करवाया जा सकता है। 24 घंटे पूवज़् प्रशासन व पुलिस को सूचित कर शादी में उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि छावनी, हवाई अडडा के आसपास तीन किलोमीटर तथा अंतराज़्ष्ट्रीय सीमा से 25 किलोमीटर तक ड्रोन का उपयोग नहीं करना चाहिए।

जिला परिषद सीईओ अशोक कुमार मीणा ने सीमांत क्षेत्र विकास योजना के तहत बीएसएफ द्वारा करवाये जाने वाले 6 लम्बित कार्यो की टीएस जारी करने तथा दो पेयजल परियोजनाओं का काम बीएसएफ को देने पर चर्चा की। इसके साथ ही बीएसएफ द्वारा नरेगा योजना में किये जाने वाले कार्यो पर बल दिया। बीएसएफ के अधिकारियों ने सीमा क्षेत्र के पास मिसिंग लिंक सड़कों का निमाज़्ण करने, पेयजल परियोजनाओं को पूरा करने सहित विभिन्न प्रकार के सुरक्षा से जुड़े बिन्दुओं पर चर्चा की।

बैठक में बीएसएफ के डीआईजी अमित कुमार त्यागी, कमाण्डेंट देशराज, कमाण्डेंट एस.आर. खान, डीसी जे.के.नांगल, जिला परिवहन अधिकारी विनोद कुमार, खनन विभाग से नोरंग लाल, अधीक्षण अभियंता पीडब्ल्यूडी सुमन मिनोचा, एनएचआई के सुशील बिश्नोई सहित विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे।