पुलिसकर्मियों ने बताया कि ज्यादातर बाइक चोरी की वारदातें सार्वजनिक स्थानों से होती हैं। यहां लोग आते हैं और अपनी बाइक को एक तरफ खड़ा करके चले जाते हैं, जबकि ऐसे स्थानों पर कई जगह निजी या नगरपरिषद की पार्किंग व्यवस्था रहती है। इन पार्किंग स्थलों या कार्यक्रमों के दौरान लोग दस रुपए पार्किंग चार्ज बचाने के चक्कर में वाहन को दूर खड़ा कर देते हैं, जहां से वाहन चोरी होने का पूरा अंदेशा रहता है। इसके बावजूद भी अपने वाहनों को ऐसे ही खड़ा कर जाते हैं, जहां से चोरी की वारदात हो जाती है। लोगों की थोड़ी सी जागरुकता ही बाइक चोरी की वारदातों में कमी ला सकती है। यदि लोग निर्धारित पार्र्किंग पर लॉक लगाकर बाइक खड़ी करें तो चोरी होने की संभावना कम रहती है। यदि कोई चोरी का प्रयास भी करता है तो उसे लॉक खोलने में थोड़ा समय तो लगता ही है। ऐसे में उनके पकड़े जाने की उम्मीद अधिक रहती है।
एक चाबी से खुल जाते कई लॉक
– पुलिसकर्मियों ने बताया कि बाइक का लॉक पुराना होने के बाद वह किसी भी बाइक की चाबी से खुल जाता है और वाहन चोर बाइक को ऐसी चाबी से खोलकर चोरी कर ले जाते हैं। इसके लिए बाइक मालिकों को अपनी बाइक्स के लॉक भी सही रखने चाहिए, जिससे उनका बाइक चोरी होने से बच सके।
चाबी लगी छोड़ जाते हैं लोग
– पिछले दिनों सुखाडिय़ा सर्किल पर एक कार्यक्रम के दौरान एक व्यक्ति अपने बच्चों के साथ बाइक पर पहुंचा और बच्चों को लेकर अंदर चला गया। बाइक को लॉक कर चाबी साथ ले जाना इस व्यक्ति के ध्यान ही नहीं रहा। इस पर वहां मौजूद एक पुलिसकर्मी ने यह लॉक कर चाबी निकाल कर अपने पास रख ली। जब वह व्यक्ति आया तो बोला मेरी बाइक की चाबी गिर गई है। इस पर पुलिसकर्मी ने उसे चाबी निकालकर दी और ध्यान रखने की बात कही।
इनका कहना है
गिरोह की तलाश जारी
– लोग बेपरवाह होकर बाइक्स लॉक ही नहीं करते हैं और चले जाते हैं। वहीं दस रुपए बचाने के चक्कर में पार्किंग में खड़ी ना करके इधर-उधर खड़ी कर देते हैं, जिससे बाइक चोरी चली जाती है। पुलिस बाइक चोर गिरोह की तलाश में जुटी है। जल्द ही इसका खुलासा होने की उम्मीद है।
नरेन्द्र पूनियां, थाना प्रभारी कोतवाली।