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साढ़े चार साल में दूर ना हो सकी तीन कमियां

-जबकि सरकारी बीएसटीसी की मंजूरी के बाद कई निजी बीएसटीसी स्कूल शुरू हो चुके हैं।

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साढ़े चार साल में दूर ना हो सकी तीन कमियां

हनुमानगढ़.

पांच साल सरकार का कार्यकाल होता है। और अगर वह साढ़े चार साल में साधन-सुविधाओं संबंधी साधारण सी कमियां भी दूर ना कर सके तो उसे फेल ही समझा जाएगा। हनुमानगढ़ में मंजूर बीएसटीसी स्कूल संचालन के मामले में राज्य सरकार की ऐसी ही हालत है। तीन साधारण सी कमियों की पूर्ति में उसका पसीना निकल गया है। लेकिन कमियां फिर भी दूर ना हो सकी है। ऐसे में करीब साढ़े चार साल पहले स्वीकृत सरकारी बीएसटीसी स्कूल का संचालन अब तक शुरू नहीं हो सका है। जबकि सरकारी बीएसटीसी की मंजूरी के बाद कई निजी बीएसटीसी स्कूल शुरू हो चुके हैं।

राज्य सरकार की अनुशंसा के बावजूद संबंधित कमेटी बीएसटीसी की मान्यता पर मोहर नहीं लगा रही है। जबकि नए सत्र में बीएसटीसी पाठ्यक्रम में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शायद ही हनुमानगढ़ के बीएसटीसी स्कूल का संचालन नए सत्र में शुरू हो। इस संबंध में डाइट प्रशासन निरंतर एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फोर टीचर एजुकेशन), नई दिल्ली तथा उत्तर क्षेत्रीय कमेटी, जयपुर से पत्र व्यवहार वगैरह कर रहा है।

दरअसल, उत्तर क्षेत्रीय कमेटी, जयपुर ने सभी मंजूरी-अनुशंसा को दरकिनार कर रखा है। एनसीटीई, नई दिल्ली ने तो सशर्त अनुमति तीन साल पहले ही दे दी थी। संबंधित सरकारी एजेंसी निजी शिक्षण संस्थाओं को बीएड/बीएसटीसी पाठ्यक्रम संचालन की स्वीकृति देते समय मापदंडों की पूर्ति के प्रति आंखें मूंद लेती है। मगर सरकारी बीएसटीसी स्कूल संचालन की स्वीकृति के मामले में वह सशर्त छूट देने के मूड में भी नहीं है। यद्यपि भवन व स्टाफ कमोबेश उपलब्ध है। इसके अलावा भवन आदि सुविधाओं की पूर्ति के लिए सरकार ने तीन वर्ष की छूट देनी की अनुशंसा भी कर रखी है। इसके बावजूद हनुमानगढ़ में बीएसटीसी स्कूल का संचालन नहीं हो पा रहा।


हो रही है हानि
मंजूरी के बावजूद गत सत्र में मान्यता नहीं मिलने से बीएसटीसी स्कूल संचालन में पहले ही एक वर्ष की देरी हो चुकी है। इससे 50 अतिरिक्त सीट स्वीकृति में देरी हो गई है। क्योंकि बीएसटीसी में पहले साल 50 सीटों पर विद्यार्थियों को प्रवेश मिलेगा। इसके बाद सीटों की संख्या 100 होने की संभावना है। यदि गत वर्ष में बीएसटीसी शुरू हो जाता तो इस साल उसमें सीटें 100 हो सकती थी। राज्य सरकार ने सीटें बढ़ाने के लिए जो नए नियम तय किए हैं, उसके हिसाब से ऐसा संभव है।

कर दिया दरकिनार
जानकारी के अनुसार कई साल प्रतीक्षा के बाद एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फोर टीचर एजुकेशन), नई दिल्ली ने फरवरी 2014 में राजकीय बीएसटीसी स्कूल को मंजूरी दी थी। एनसीटीई ने उत्तर क्षेत्रीय कमेटी जयपुर को मान्यता जारी करने के लिए भी लिख दिया था। इसके लिए पर्याप्त स्टाफ का पदस्थापन पहले ही डाइट में किया जा चुका था।

विद्यार्थियों के लिए छात्रावास भी बनकर तैयार है। स्कूल भवन व अन्य सुविधाओं की पूर्ति के लिए सरकार ने अनुशंसा की थी कि मापदंडों में तीन वर्ष की छूट दे दी जाए। इस अवधि में सभी सुविधा मापदंडों की पूर्ति कर ली जाएगी। इसके बावजूद उत्तर क्षेत्रीय कमेटी ने बीएसटीसी में कक्षाओं के संचालन के लिए मान्यता जारी नहीं की। इसके लिए डाइट की ओर से कई बार पत्र लिखा जा चुका है तथा उसके प्रतिनिधि भी कमेटी के समक्ष प्रस्तुत हो चुके हैं।


कर रहे पत्र व्यवहार
कक्षाओं के संचालन की मंजूरी से पूर्व तीन कमियां पूरी करने को कहा गया था। उनमें से एक कमी पूरी हो चुकी है। कक्षाओं के संचालन के लिए निरंतर उच्च स्तर पर पत्र व्यवहार कर रहे हैं। अभी मंजूरी नहीं मिली है।
महेन्द्र शर्मा, उप प्राचार्य डाइट।