श्री गंगानगरPublished: Nov 03, 2022 05:14:14 pm
Kamlesh Sharma
इस दुनिया में मां का दर्जा सबसे ऊंचा दिया गया है। वहीं कहा जाता है कि मामा शब्द उच्चारण करते हैं तो दो बार मां बोलना पड़ता है। बुधवार को श्रीगंगानगर जिले में हुए दो खुलासों में मां और मामा दोनों ही मनोविकारी निकले।
श्रीगंगानगर। इस दुनिया में मां का दर्जा सबसे ऊंचा दिया गया है। वहीं कहा जाता है कि मामा शब्द उच्चारण करते हैं तो दो बार मां बोलना पड़ता है। बुधवार को श्रीगंगानगर जिले में हुए दो खुलासों में मां और मामा दोनों ही मनोविकारी निकले। वहीं स्त्री एक मामले में 'गुनहगार' के रुप में नजर आई तो दूसरे में बेबस। पहले मामले में, ह्रदय को चीरने वाली बात यह है कि पदमपुर की सजना कॉलोनी निवासी तीस वर्षीय सुमन के अपने पांच वर्षीय पुत्र तुषार का गला घोंटते हाथ जरा भी नहीं कांपे। कारण, यह था कि तुषार उसके 'गंदे काम' का चश्दीद गवाह था। वहीं दूसरे मामले में, राजपुरा पीपेरन निवासी गुलशन सड़क किनारे मिट्टी के टीले पर लाश के पास 'लाश' बनी बैठी थी। अपनी दो वर्षीय बेटा चारपाई पर कपड़े के बने झूले में सो रहा था। वह करती भी तो क्या? उसकी फूल सी बच्ची को मौत की नींद सुलाने वाला गुलशन का सगा भाई ही था।