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श्रीगंगानगर.
केन्द्र एवं राज्य सरकारों के आदेशों की पालना करवाना तथा कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों का ही वीआईपी कल्चर से मोहभंग नहीं हो पा रहा।लाल-नीली बत्ती लगाने का कल्चर समाप्त होने के बाद इन अधिकारियों ने अलग दिखने के लिए वाहनों पर पदनामों की बड़ी-बड़ी पट्टियां लगवा ली हैं। जबकि, जिला कलक्टर की गाड़ी पर मात्र नंबर प्लेट पर ही पदनाम पट्टी लगी है।
केन्द्र सरकार की ओर से वीआईपी कल्चर समाप्त कर नेताओं, मंत्री व सरकारी अधिकारियों के वाहनों पर लगने वाली लाल व नीली बत्ती को हटवा दिया गया था। ऐसे में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के वाहनों पर नंबर प्लेट पर केवल लाल पट्टी रह गई। इस पर नेताओं व जनप्रतिनिधियों ने अपने वाहनों पर पदनाम की बड़ी-बड़ी पट्टिकाएं लगवा लीं। वहीं, कुछ अधिकारियों ने भी जनप्रतिनिधियों की तरह ही पदनाम की बड़ी-बड़ी पट्टियां लगवा ली। इसमें जिला मुख्यालय को छोड़कर उपखंड पर तैनात एसडीएम व तहसीलदार शामिल हैं। इनकी बोलेरो गाडिय़ों पर शीशे के नीचे ही पदनाम की बड़ी सी पट्टीकाएं लगी हुई हैं। जब यह अधिकारी जिला मुख्यालय पर किसी बैठक में शामिल होने के लिए आते हैं तो वहां इनकी गाडिय़ां सबसे ही अलग नजर आती हैं। जबकि, जिला कलक्टर सहित जिला मुख्यालय के प्रशासनिक अधिकारियों की गाड़ी पर केवल नंबर प्लेट पर ही पदनाम पट्टी लगी है। जिला मुख्यालय के अधिकारी दिखावे में पीछे, वहीं उपखंड मुख्यालयों के अधिकारी अभी 'वीआईपी' बने हुए हैं।
नहीं दे रहा कोई ध्यान
इन अधिकारियों की ओर से वाहनों पर लगाई बड़ी-बड़ी पदनाम पट्टियां लगाने को लेकर कोई ध्यान नहीं दे रहा। लोगों का कहना है कि जब अधिकारी ही वीआईपी कल्चर से पीछा नहीं छुड़ पा रहे तो एक जनप्रतिनिधि को वे कैसे समझा पाएंगे।
इस संबंध में जिला कलक्टर ज्ञानाराम ने कहा कि वे इस मामले का पता लगवाकर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
Published on:
19 Nov 2017 08:52 pm
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