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श्री गंगानगर

ऐसा क्या हुआ कि गेहूं सस्ता पर आटा महंगा

What happened that wheat is cheap but flour is expensive- राशन डिपो में गेहूं की आपूर्ति बंद हुई तो बढ़ी आटे की मांग

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श्रीगंगानगर. आटे की जरूरत हर घर में रहती है। अन्न का कटोरा कहे जाने वाले इलाके में बढ़िया क्वालिटी के आटे के दाम चालीस रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं। वहीं मध्यम वर्गीय परिवार को यह आटा तीस रुपए से लेकर छत्तीस रुपए तक मिल रहा है। आटा च क्कियों पर खुला तो परचून की दुकानों पर ब्रांडेड आटा मिल रहा है। इन दोनों जगह आटे के दाम भी अलग अलग है। पैकिंग का आटा भी अलग-अलग क्वालिटी का बताकर ग्राहकों से अधिक वसूली की जा रही है।

https://www.patrika.com/lucknow-news/wheat-became-expensive-wheat-price-2022-7519611/

दरअसल, उचित मूल्य की दुकानों पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न सहायता योजना में हर खाद्य सुरक्षा योजना के पात्र व्यक्ति को पांच किलोग्राम गेहूं निशुल्क दिया जा रहा था, इस गेहूं की आपूर्ति केन्द्र सरकार ने दिसम्बर 2022 में बंद कर दी है। इस कारण अ धिकांश पात्र लोग मजबूरन आटा चक्की या परचून की दुकान पर आटा खरीदने के लिए आने लगे है।

https://www.patrika.com/bhopal-news/roti-flour-crossed-rs-35-wheat-became-costlier-by-37-in-a-year-8010032/

पिछले पांच महीनों से राशन डिपो पर सिर्फ राज्य सरकार की ओर से देय पांच किलोग्राम गेहूं की आपूर्ति मिल रही है। जबकि मार्च 2020 से लेकर दिसम्बर 2022 तक केन्द्र सरकार ने पीएम अन्न कल्याण योजना में पांच किलोग्राम गेहूं हर पात्र व्यक्ति को बांटी था। तब राज्य सरकार की ओर से भी दो रुपए फिर एक रुपए में पांच किलोग्राम गेहूं मिलता था। कुल मिलाकर दस किलोग्राम प्रति व्य क्ति गेहूं हर महीने मिलता तो खरीदने के लिए आटे की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन अब केन्द्र सरकार की ओर से देय स्कीम बंद हुई तो लोगों को अपने घर पर आटा खरीदने के लिए जरूरत पड़ने लगी।

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इधर, व्यापारियों की माने तो गेहूं के दामों में उतार-चढ़ाव चल रहा है। इस कारण आगामी कुछ दिनों में गेहूं के दाम पिछले दिनों की तरह ज्यादा नहीं बढ़ेगे। केन्द्र सरकार ने दालों में स्टॉक सीमा तय कर दी हैं। वहीं खाद्य तेलों का आयात शुरू करने से महंगाई को रोकने का प्रयास भी किया है। ग्राहकों की नजर में आटा अब भी महंगी दरों पर बिक रहा है।

पिछले चार महीनों से घटने लगे दाम

आटा खुले में 28-36 रुपए और ब्रांडेड पैक में 30-46 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। जबकि चार महीने पहले आटा खुले में 30 से 38 रुपए और ब्रांडेड पैक में 32 से 56 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से आटा बिक रहा था। कमोडिटी विश्लेषकों का कहना है कि सरकार के पास स्टॉक में गेहूं कम था, ऐसे में राशन डिपो पर गेहूं की आपूर्ति बंद कर दी। लेकिन अब केन्द्र सरकार ने फिर से गेहूं का स्टॉक बाजार में जारी किया तो गेहूं के दामों में कमी आ गई है।

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गेहूं का स्टॉक कर बड़ा मुनाफा करने वाले कारोबारियों पर सरकार ने शिकंजा कसने के लिए गेहूं का स्टॉक बाजार में उतार दिया। इससे स्टॉक करने वाले कारोबारियों को झटका लगा है। गेहूं के दामों में कमी आ गई है। जनवरी और फरवरी में तीस रुपए प्रति किलो बिकने वाला गेहूं अब साढ़े पच्चीस से छब्बीस रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है।
https://www.patrika.com/jaipur-news/government-procurement-of-wheat-yet-farmers-selling-at-low-rate-6031124/
गेहूं के निर्यात पर पाबंदी लगने के बाद इलाके में गेहूं का स्टॉक कम हुआ तो महंगे गेहूं से कुछ राहत मिली है। इलाके में मध्य प्रदेश का ब्रांडेड गेहूं की बढ़िया क्वालिटी के रूप में प्रचारित करते हुए महंगी दर पर बेचा जा रहा है। व्यापारियों का भी कहना है कि यह गेहूं ज्यादातर आटा च क्कियों पर सीधा आ रहा हैं। इस ब्रांडेड गेहूं को दिखाकर आटा बेचने का तरीका दुकानदारों ने निकाल लिया है। इस गेहूं का आटा 42 से 50 रुपए तक बिकने लगा है।

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गेहूं के व्यापारी राकेश कुमार सिंगल का कहना है कि अब विधानसभा चुनाव नजदीक है। चुनावी सीजन में सरकार कोई भी हो महंगाई पर कंट्रोल करती है। केन्द्र सरकार ने खाद्य तेलों और दालों पर स्टॉक सीमा तय करने के बाद महंगाई पर कंट्रोल करने के संकेत भी दिए हैं। इस कारण गेहूं का स्टॉक कम हो रहा है। बढ़ती महंगाई चुनावी मुद्दे से बचने के लिए सरकार जतन कर रही है, इस अप्रत्यक्ष फायदा ग्राहकों को मिलेगा।

https://www.youtube.com/watch?v=bRIJqgcWKVc

इलाके में 1482 किस्म का गेहूं धानमंडी में 2200 से 2300 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा है। वहीं 2851 किस्म का गेहूं 2350 रुपए की दर से बिक रहा है। मंडी से उपभोक्ताओं तक दोनों किस्म के गेहूं क्रमश: 2700 रुपए व 2850 रुपए मिल रहा हैं। इन दोनों किस्मों का गेहूं लोकल का है। ज्यादातर इस गेहूं की खपत हैं। विदित है कि केन्द्र सरकार का न्यूनतम खरीद मूल्य (एमएसपी) 2,125 रुपए प्रति क्विंटल है। लेकिन मंडी टैक्स और अन्य राजस्व कर का आकलन किया जाएं तो गेहूं करीब आम उपभोक्ता को 2550 से 2600 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहा है।