श्रीनगर के लाल चौक पर रात 11 बजे भी कैमरे की फ्लैश चमक रही है। 5 हफ्ते पहले यहां खामोशी की चादर ने सन्नाटा ओढ़ लिया था। पहलगाम, जहां अप्रैल की गोलीबारी के बाद जिंदगी थम सी गई थी, अब फिर से पर्यटकों की आवाजाही से सब कुछ पटरी पर लौटता दिख रहा है। 22 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम आतंकी हमले ने कश्मीर की रगों में दौड़ते पर्यटन को पलभर में जकड़ लिया था। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बढ़ी, घाटी एक बार फिर डर के साये में सिमट गई। सीजफायर के 51 दिन बाद कश्मीर में फिर से रौनक लौटने लगी है। रेस्टोरेंट खुल चुके हैं, मार्केट में लोगों की भीड़ है, घाटी में पर्यटकों के जोश ने गोली के डर को झुका दिया है। पहलगाम से लेकर गुलमर्ग तक, श्रीनगर से लेकर सोनमर्ग तक पर्यटक लौट रहे हैं, और उनके साथ लौट रहा है घाटी का खोया हुआ आत्मविश्वास।