19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

औद्योगिक नगरी बन रहा अलवर, हर साल दे रहा है 12 हजार करोड़ का रेवेन्यू

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में शामिल अलवर जिला औद्योगिक नगरी के रूप में विकसित हो चुका है। यहां उद्योगों में उत्पादन और निर्यात बढ़ने से रोजगार बढ़ रहा है। केंद्र व राज्य सरकार को अलवर हर साल 12 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का राजस्व दे रहा है।

2 min read
Google source verification

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में शामिल अलवर जिला औद्योगिक नगरी के रूप में विकसित हो चुका है। यहां उद्योगों में उत्पादन और निर्यात बढ़ने से रोजगार बढ़ रहा है। केंद्र व राज्य सरकार को अलवर हर साल 12 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का राजस्व दे रहा है। जापानी और कोरियाई जोन में लगी औद्योगिक इकाईयों से भी सरकार को भरपूर लाभ मिल रहा है।

जानकारी के अनुसार अलवर ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में केन्द्र व राज्य सरकार के खजाने में 11 हजार करोड़ दिए, जो कि वित्तीय वर्ष 2021-22 से 84 प्रतिशत अधिक रहा। निर्यात बढ़ने से सर्वाधिक 98 प्रतिशत आईजीएसटी के रूप में दिए गए। वहीं, वित्तीय वर्ष 2023-24 में अलवर और भिवाड़ी जोन ने करीब 12 हजार करोड़ का राजस्व केन्द्र व राज्य सरकार को दिया। वहीं, भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए यहां कई मल्टीनेशनल कंपनियां अपने प्लांट लगा रही हैं।

35 हजार से ज्यादा फर्म पंजीकृत

जानकारी के अनुसार अलवर संभाग में 35 हजार से ज्यादा फर्म व उद्योग पंजीकृत हैं। इनमें 27 हजार से ज्यादा नॉर्मल डीलर हैं, जो कि हर महीने जीएसटी देते हैं तथा 8 हजार से ज्यादा ऐसे व्यापारी हैं जो हर तीन महीने में जीएसटी देते हैं।

ऑटोमोबाइल, फार्मा व मिनरल का बड़ा कारोबार

अलवर के मुय रूप से चार तरह की औद्योगिक इकाईयां चल रही हैं। इनमें मिनरल, ऑटोमोबाइल, केमिकल और फूड प्रोडक्ट हैं। भिवाड़ी व नीमराणा औद्योगिक क्षेत्र में ऑटोमोबाइल की करीब 700 कंपनियां चल रही हैं। फार्मा की भिवाड़ी में 50 से ज्यादा कपनियां संचालित हैं। इन कपनियां में तैयार होने वाला सामान देश-दुनियां में सप्लाई हो रहा है।

अलवर में करीब 200 विदेशी कपनियों के प्लांट भी लगे हुए हैं। इसमें जापान की करीब 80 कपनियां शामिल हैं। इनमें 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया हुआ है। इन कंपनियों में 20 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला हुआ है। इनमें जापान की होंडा, अमरीका की लुटिका, जर्मनी की ओकेप और डॉ. ओटकर, कोरिया की हेनन, यूके की लुटिका और कपारी इंजीनियरिंग आदि अलवर में लगी हुई हैं।

ये कपनियां देती हैं सर्वाधिक टैक्स

होंडा कार, होंडा बाइक और स्कूटर, हीरो मोटरकॉर्प, जगुआर, सेंट गोबेन, सिनर्जी स्टील, आयशर व आरएसपीएल आदि कपनियां हैं, जो कि सर्वाधिक टैक्स दे रही हैं।