24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

काशी विश्वनाथ मंदिर के चढ़ावे में हुआ भ्रष्टाचार, मंडलायुक्त के निर्देश पर डीएम कौशल राज शर्मा ने शुरू की जांच,आरोपी फरार

काशी विश्वनाथ मंदिर में चढ़ावें को लेकर भ्रष्टाचार सामने आया था । उसी कड़ी में मंडलायुक्त के निर्देश पर जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने जांच शुरू कर दी है । बता दें कि यह भ्रष्टाचार करीब 1.42 लाख का हुआ है फिलहाल इससे जुड़े कर्मचारी सस्पेंड चल रहे हैं।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Anand Shukla

Sep 21, 2022

kashi.png

काशी विश्वनाथ मंदिर

काशी विश्वनाथ मंदिर के चढ़ावे में हुए भ्रष्टाचार को लेकर अब जाच शुरू कर दी गई है। काशी मंडलायुक्त के निर्देश के बाद जब डीएम कौशल राज शर्मा जांच करने के लिए मंदिर कार्यालय पहुंचे तब वहां से आरोपित कर्मचारी फरार थे ।

इसके बाद डीएम ने दोनों कर्मचारी का ब्यौरा तलब किया और वहां पर पता किया तो दोनों वहां पर नहीं मिले। डीएम ने दोनों कर्मचारी को अलग तैनात करने का निर्देश दिया है । जिलाधिकारी का कहना है कि जांच पूरी तरह से निष्पक्ष होनी चाहिए। इसलिए दोनों को कहीं और भेजा जा रहा है। यहां पर रहेंगे तो जांच को प्रभावित करने की आशंका जताई जा सकती हैं।

यह भी पढ़ें: खिलाड़ी सुरेश रैना के रिश्तेदार की हत्या करने वाले दोनों अपराधी पकड़े गए, माफी मांगते हुए वीडियो वायरल

मंडलायुक्त के निर्देश पर जिलाधिकारी आज जांच के लिए मंदिर कार्यालय पहुंचे और वहां पर मौजूद फाइल को चेक लिया । कार्यालय का निरीक्षण करने पर पता चला कि पांच व छह वर्ष पुरानी कई फाइलें नदारद हैं। उसमें आरोपित बाबुओं से सम्बंधित पत्रावलियां भी थीं। फाइलें गुम होने पर उन्होंने मंदिर कार्यालय की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कर्मचारियों को फटकार लगाई ।

बता दें कि विश्वनाथ मंदिर न्यास कार्यालय में तैनात वरिष्ठ लिपिक अरुण कुमार मिश्र, लिपिक संजय चतुर्वेदी और निलम्बित कम्प्यूटर सहायक शिवभूषण द्विवेदी के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली थीं। इसके बाद से तीनों कर्मचारी निलंबित चल रहे थे ।

मनीआर्डर के चढ़ावे में घालमेल करने वालों पर मंदिर प्रशासन ने चौक थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया है। मनीआर्डर राशि में 1.42 लाख का घपला हुआ है । इधर दो-तीन वर्षों से उक्त कर्मचारी ने मनी आर्डर की राशि का लेजर अपडेट्स भी नहीं किया है ।

यह भी पढ़ें: सदन में उठा आजम की यूनिवर्सिटी का मुद्दा, अखिलेश ने कहा-जौहर यूनिवर्सिटी की जांच ऐसी हो रही है जैसे कोई बम मिला हो

इसी सब को देखते हुए मंदिर कार्यालय के कर्मचारी पर सवाल उठता है। वहीं मंदिर प्रशासन का मानना है कि यह कार्य एक व्यक्ति के जरिए नहीं हो सकता है। इसमें दूसरे लोग भी शामिल हो सकते हैं। जांच के बाद मामला स्पष्ट हो जाएगा ।