
जिला अस्पताल में खराब पड़ी एंबुलेंस
मथुरा : जिले में स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग भरपूर प्रयास कर रहा है लेकिन इन दिनों स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य को बिगाड़ने में 108 और 102 एंबुलेंस कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। मरीजों को लेने एंबुलेंस तो जाती है लेकिन वह खुद रास्ते में चलते हुए बीमार पड़ जाती है। बीमार व्यक्ति को लेने गई एंबुलेंस जब खुद ही बीमार पड़ जाए तो स्वास्थ्य विभाग का राम ही रखवाला है।
मथुरा जिले में करीब 59 एंबुलेंस हैं। इन 59 एम्बुलेंसों की स्थिति अधिकतर नाजुक ही बनी रहती है। सड़कों पर फर्राटा मारती दिखाई देती लेकिन अधिकतर एंबुलेंस 104 डिग्री बुखार से पीड़ित रहती है और कभी भी चलते चलते इसके पहिए सड़क पर थम जाते हैं। एक नहीं दो नहीं बल्कि अधिकतर इसी तरह की एंबुलेंस जिले के सरकारी अस्पतालों में चल रही हैं। एंबुलेंस की स्थिति अगर देखेंगे तो आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग का स्वास्थ्य खुद ही खराब हो तो स्वास्थ्य विभाग से लोगों के स्वस्थ रहने की कैसे अपेक्षा की जा सकती है।
अब जरा कोविड-19 कंट्रोल रूम प्रभारी डॉक्टर भूदेव साहब से जब उनसे एंबुलेंस की स्थिति के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि 28 एम्बुलेंस 108 और 28 एम्बुलेंस 102 के अतिरिक्त ALS की तीन एम्बुलेंसों में से एक में तकनीकी खराबी आ गई है। जिसे ठीक कराने के लिए भेजा गया है। उन्होंने बताया कि मरीजों को लाने ले जाने का काम एम्बुलेंस लगातार करती हैं।
बता दें कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के अलावा जिला अस्पताल में भी आधा दर्जन से अधिक एंबुलेंस खराब खड़ी हुई है। खराब एंबुलेंस की स्थिति खस्ता हो गई है। एम्बुलेंसों को जल्द ही नीलाम करने की तैयारी मथुरा का स्वास्थ्य विभाग के द्वारा की जाएगी।
Updated on:
25 Sept 2022 02:44 pm
Published on:
25 Sept 2022 02:43 pm
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