
एमआईए, भिवाड़ी, नीमराणा, टपूकड़ा जैसे औद्योगिक क्षेत्र और डीएमआईसी कॉरिडोर की वजह से अलवर में एयरपोर्ट की मांग लंबे समय से हो रही है। इसे देखते हुए अब फिर से ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। प्रदेश सरकार के स्तर पर इसको लेकर मंथन चल रहा है। यदि प्रशासन 110 एकड़ बंजर भूमि कहीं भी उपलब्ध कराने का प्रस्ताव तैयार करेगा, तो एयरपोर्ट धरातल पर आ सकता है।
एक दशक पहले कांग्रेस सरकार ने कोटकासिम में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को मंजूरी दी थी। इसके लिए 110 एकड़ जमीन चाहिए थी। इसकी तलाश की गई, लेकिन प्रशासन को नहीं मिल सकी। काफी समय तक इंतजार किया गया, उसके बाद सरकार ने भी इस प्लान को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
अब अलवर, भिवाड़ी, नीमराणा, टपूकड़ा के औद्योगिक क्षेत्रों का विस्तार हो रहा है। बड़ी कंपनियां निवेश के लिए आगे आ रही हैं। 430 निवेशकों ने 1.66 लाख करोड़ का निवेश अलवर में करने के लिए हामी भरी है। ऐसे में निवेशकों को उड़ान भरने के लिए एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं चाहिए। एक प्रशासनिक अधिकारी का कहना है कि सरकार के स्तर पर इस पर मंथन चल रहा है।
कोटकासिम में ग्रीनफ़ील्ड एयरपोर्ट के लिए 3.5 किलोमीटर लंबी और समतल ज़मीन जरूरी थी जो नहीं मिल पाई। दिल्ली-मुंबई औद्योगिक क्षेत्र भी विकसित करने की योजना थी, ताकि यहां का माल आसानी से दूसरी जगहों पर पहुंच सके, लेकिन जमीन बाधा बनी हुई थी। एक बार फिर से संभावनाएं देखी जा रही हैं। अभी लोगों को उड़ान भरने के लिए दिल्ली-जयपुर एयरपोर्ट जाना पड़ता है।
ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के पास एयरोसिटी बनाए जाने का प्रस्ताव था। होटल से लेकर आलीशान भवन बनने थे। पूरा एरिया विदेशी एयरपोर्ट की तर्ज पर बनाया जाना प्रस्तावित था। यदि अब जमीन मिल जाएगी तो इस प्लान को धरातल पर उतारने की तैयारी है।
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Published on:
20 Mar 2025 12:15 pm
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