
CG Heavy rain: जिले के ग्राम पंचायत पोगाभेज्जी एवं सिरसट्टी इलाके के दो दर्जन गांव के ग्रामीण पुल के अभाव में उफनती नदी को पार करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं। शासन प्रशासन इस इलाके में पुल निर्माण को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछली सरकार के द्वारा पुल निर्माण करने की स्वीकृति की थी, लेकिन प्रदेश में सरकार बदलते ही पुल निर्माण का कार्य को निरस्त कर दिया गया है। हमारी समस्याओं को सभी नजर - अंदाज करते हैं जिसकी वजह से पुल निर्माण नहीं हो पा रहा है।
Monsoon 2024: जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर केरलापाल क्षेत्र में पोगाभेज्जी व सिरसट्टी पंचायत है। इन पंचायतों को एनएच 30 केरलापाल से जोड़ती है। ग्रामीण ने बताया कि सरकारी राशन व हाटबाजार से अपनी दैनिक जरूरतों के सामनों की खरीदी के लिए केरलापाल आना पड़ता है लेकिन यहां तक पहुंचना भी चुनौती भरा होता है। नदी में दो जगह पर पुल का निर्माण की आवश्यकता है। पुल निर्माण नहीं होने से इस क्षेत्र में वाहने नहीं चलती हैं।
वहीं केरलापाल से दो किमी तक ही पक्की सड़क हैं उसके बाद भी इन दोनों पंचायत के लिए जाने वाली सड़क बदहाल है। रबडीपारा के पास नाला पार करते ही आगे के लिए पगडंडी नुमा सड़क है। बुनियादी सुविधाओं के अभाव के बीच यहां के ग्रामीण वनोपज के साहरे जीवन यापन कर रहे है। जिले के अंदरूनी क्षेत्र में आज भी ग्रामीण दसवीं सदी जैसे स्थित में जीने मजबूर है। इन पंचायतों में आज भी ग्रामीणों को चलने के लिए सही से सड़क भी नहीं है। बिजली, पेयजल, शिक्षक, स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के बीच ग्रामीण रहने के लिए मजबूर है।
बारिश के दिनों में यह इलाका पूरी तरह से कट जाता है, और बारिश के बीच लोगों को अगर रोजमर्रा के चीजों के लिए बाहर जाना पड़ता है तो उफती नदी को गुंडी के सहारे पा करते हैं, गुंडी में अपने कपड़े एवं समान डाल देते हैं या फिर छोटे बच्चे साथ होते हैं तो बच्चों को गुंडी में बिठा दिया जाता है, और गुंडी के दोनों किनारो को पड़कर तेज नदी की धार को पार कर दूसरी और पहुंचते हैं। इसके बाद अपनी दैनिक जरूरत के सामान लेने केरलापाल व जिला मुख्यालय सुकमा जाते है।
Chhattisgarh School close: स्कूल भी होते है बंद
इलाके के नदी पार कर लगने वाले स्कूल भी बारिश में कई दिनों तक बंद रहते है, नदी में बाढ़ आने की वजह से शिक्षक भी नहीं पहुंच पाते हैं क्योंकि अधिकांश शिक्षक सुकमा से ही स्कूल जाते हैं। ( Chhattisgarh School close ) अगर आपातकालीन स्थिति में कोई बीमार व्यक्ति को निकालना भी इस इलाके में मुश्किल भरा काम होता है। ऐसे में जब तक बाढ़ कम नहीं होता है तब तक पीड़ित व्यक्ति को बाहर निकालना संभव नहीं होता है।
आजादी के 76 वर्ष बाद पुल निर्माण का कार्य स्वीकृत हुआ था लेकिन पुल निर्माण का काम शुरू भी नहीं हो पाया। प्रदेश में सरकार बदलते ही पुल निर्माण के निविदा कार्य को तत्काल निरस्त कर दिया। जिसकी वजह से यहां से ग्रामीणों की समस्या का समाधान होने की जगह और उलझ गई। क्योंकि बड़ी मुश्किलें से पुल स्वीकृत हुआ था। स्वीकृत पुल के निरस्त होने से यहां के ग्रामीणों में आक्रोश है।
बारिश के तीन माह हम लोगों को बहुत अधिक दिक्कतें होती है। हॉट बाजार और अन्य कामकाज के लिए हम लोगों को उफ़नती नदी को मजबूरी में पार जाना पड़ता है। पिछली सरकार ने पुल स्वीकृति कर दी थी लेकिन प्रदेश में सरकार बदलते हैं पूल बनाने का कार्य को निरस्त कर दिया है।
पोडियामी बुधरा, सिरसट्टी उपसरपंच
भाजपा सरकार बनते ही पुल निरस्त किया
प्रदेश में जब हमारी सरकार थी तो इस क्षेत्र के ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए पुल स्वीकृत किया गया था। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही स्वीकृत पुल को निरस्त कर दिया है। भाजपा सरकार विकास विरोधी है।
कवासी लखमा, कोन्टा विधायक
Published on:
20 Jul 2024 01:33 pm
बड़ी खबरें
View Allसुकमा
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
