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नक्सलियों के डायरी से हुआ बड़ा खुलासा, टेक्निकल टीम खतरनाक बम बनाने की दे रही थी ट्रेनिंग

पत्रिका को जो डायरी की फोटो मिली है उसमें साफ नजर आ रहा है कि गोंडी बोली में देवनागरी लिपि में इसमें पूरी जानकारी है। वहीं मैप के जरिए आईईडी बनाने, प्लांट करने और जवानों को एंबुश में फंसाने की विस्तार से जानकारी दी गई है।

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नक्सलियों के डायरी से हुआ बड़ा खुलासा, टेक्निकल टीम खतरनाक बम बनाने की दे रही थी ट्रेनिंग

नक्सलियों के डायरी से हुआ बड़ा खुलासा, टेक्निकल टीम खतरनाक बम बनाने की दे रही थी ट्रेनिंग

जगदलपुर/नकुलनार. दंतेवाड़ा के तुमकपाल के जंगलों में माओवादियों की टेक्निकल टीम पहुंची हुई थी और यहां अपने एलओएस और एलजीएस टीम को आईईडी बनाने, इसे प्लांट करने और जवानों को एंबुश में कटेकल्याण एरिया कमेटी की प्लॉटून नंबर 26 का डिप्टी कमांडर देवा कवासी मारा गया।

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दअरसल इस बात का खूलासा तब हुआ जब मौके पर से जवानों को हस्तलिखित डायरी मिली। इसमें जवानों को एंबुश में फंसाने और आईईडी बनाने से लेकर इसे प्लांट करने तक की विस्तृत जानकारी दी गई है। इसी डायरी के सहारे वे माओवादियों को ट्रेनिंग दे रहे थे। इसी ट्रेनिंग के दौरान जवानों की टीम इलाके में पहुंची और हमले में । इसका पता माओवादियों को पहले ही चल गया था।

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अब उन्होंने जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए घात लगाया और जैसे ही जवान पहुंचे उन पर हमला कर दिया। लेकिन जवानों की मुस्तैदी की वजह से घात लगाए माओवादियों की मंशा पूरी नहीं हो सकी और उन्होंने मोर्चा संभाल माओवादियों पर ताबड़तोड़ जवाबी फायरिंग कर दी।

गोंडी में है पूरी डायरी

पत्रिका को जो डायरी की फोटो मिली है उसमें साफ नजर आ रहा है कि गोंडी बोली में देवनागरी लिपि में इसमें पूरी जानकारी है। वहीं मैप के जरिए आईईडी बनाने, प्लांट करने और जवानों को एंबुश में फंसाने की विस्तार से जानकारी दी गई है।

डायरी में कई अहम जानकारी, मिलेगी मदद

ऑपरेशन को लीड कर रहे एएसपी सूरज परिहार ने बताया कि मुठभेड़ के बाद मौके से मिली डायरी में कई अहम जानकारी है। डायरी में दी जानकारी के हिसाब से एेसा लग रहा है कि टेक्निकल टीम यहां ट्रेनिंग दे रही थी। वहीं इसके बाद बड़ी घटना की तैयारी थी। इस डायरी से कई मिली जानकारी का आने वाले समय में ऑपरेशन में बड़ी मदद मिलने की बात उन्होंने कही है।

ऑपरेशन लीड करने वाले एएसपी सूरज परिहार से पत्रिका ने की विशेष बातचीत-

‘लगातार इनपुट मिल रहे थे की माओवादी बड़ी घटना की फिराक में थे। इसके लिए वे लगातार तुमकपाल से लगे इलाके में अन्य इलाके के माओवादियों जैसे मलांगीर एरिया कमेटी व केरलापाल इलाके के सक्रिय लोगों को इकठ्ठा कर रहे थे। पक्की लोकेशन मिलने के बाद पता चला कि एक दो दिन में ही वे बड़ी घटना कर सकते हैं।

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इसलिए उनके मंसूबे नाकाम करने सोमवार की देर रात ही ऑपरेशन पर जवानों के साथ निकले। तुमकपाल के जंगल से आगे बढ़ते हुए जैसे ही पिटेडब्बा एरिया में वे पहुंचे। माअवोदियों ने फायरिंग शुरू कर दी। हमने भी जवाबी फायरिंग की। दरअसल वे अपने बड़े लीडरों को बचाने के लिए फायरिंग कर रहे थे।

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एक घंटे तक गोलीबारी चलने के बाद माओवादी भाग निकले। इसके बाद जब जंगल की सर्चिंग की तो एक वर्दीधारी माओवादी की बॉडी मिली। वहीं उसके ड्रेस में बने खांचे से एसएलआर के दो मैग्जीन राउंड समेत बरामद हुए। देसी कट्टा और किताब भी मिली। जिसमें कई अहम जानकारियां हैं।