scriptमर चुकी बड़ी मां को जिंदा दिखाने के मामले में सीजेएम के आदेश को जिला जज ने ठहराया गलत | CJM order declared wrong by district judge | Patrika News
सुल्तानपुर

मर चुकी बड़ी मां को जिंदा दिखाने के मामले में सीजेएम के आदेश को जिला जज ने ठहराया गलत

जिस बड़ी मां को मरे सालों हो गए हों, उस बड़ी मां को जिंदा दिखाकर बड़ी मां की जगह किसी दूसरी महिला को खड़ा कर सम्पत्ति की वसीयत करा लेने के मामले ने करवट बदल दिया है।

सुल्तानपुरOct 24, 2019 / 06:43 pm

Neeraj Patel

मर चुकी बड़ी मां को जिंदा दिखाने के मामले में सीजेएम के आदेश को जिला जज ने ठहराया गलत

मर चुकी बड़ी मां को जिंदा दिखाने के मामले में सीजेएम के आदेश को जिला जज ने ठहराया गलत

सुलतानपुर. जिस बड़ी मां को मरे सालों हो गए हों, उस बड़ी मां को जिंदा दिखाकर बड़ी मां की जगह किसी दूसरी महिला को खड़ा कर सम्पत्ति की वसीयत करा लेने के मामले ने करवट बदल दिया है। इस मामले में जिला जज तनबीर अहमद ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश को निष्प्रभावी करते हुए फिर से सुनवाई करने का आदेश दिया है।

मुर्दा बड़ी मां को जिंदा दिखाकर फर्जी वसीयत के सहारे एनएच 56 से प्रभावित लाखों की जमीन हड़पने के मामले में केस दर्ज कराने को लेकर पड़ी अर्जी के सम्बंध में सीजेएम के खरीजा आदेश को जिला जज ने पलट दिया है। सीजेएम कोर्ट से हुए खारिजा सम्बंधी आदेश को जिला जज तनवीर अहमद ने अपास्त करते हुए मामले में पुन: सुनवाई कर उचित निर्णय लेने का आदेश दिया है।

मामला जगदीशपुर थाना क्षेत्र के सिंधियावां गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले अभियोगी कल्लन के मुताबिक उसके बड़े पिता बुद्धू की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी रमजानी प्रापर्टी की हकदार बनीं। 10 फरवरी 1985 को रमजानी की मृत्यु हो गई। जिसके दो दिन बाद मृतक रमजानी की जगह दूसरी महिला को खड़ी करके अभियोगी के सगे भाई इश्तियाक व मुस्ताक ने एनएच 56 से प्रभावित जमीन को हड़पने के चक्कर में रजिस्ट्री दफ्तर के अफसरों को मिलाकर फर्जी रजिस्टर्ड वसीयत नामा तैयार करा लिया और इसी आधार पर दोनों भाईयों ने वेश कीमती जमीन अपने नाम ट्रान्सफर करा लिया। इतना ही नहीं भाईयों ने फर्जी इंद्राज के आधार पर एनएच 56 से लाखों का मुआवजा लिया और कुछ जमीनें दूसरे को बेच भी दी।

इस फर्जीवाड़े के सम्बंध में अभियोगी ने थाने से लेकर जिले स्तर तक के पुलिस अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन किसी ने भी कार्यवाही की जहमत नहीं उठाई। न्याय की आश लेकर अभियोगी ने सीजेएम कोर्ट में केस दर्ज कराने एवं जांच की मांग को लेकर अर्जी दी, लेकिन तत्कालीन सीजेएम ने बीते 4 मई को अभियोगी का हित विवादित सम्पत्ति में निहित न होने एवं वसीयतनामे के निरस्तीकरण की कार्यवाही किसी सक्षम न्यायालय से न होने समेत अन्य तथ्य दर्शाते हुए अभियोगी की अर्जी को निराधार मानते हुए खारिज कर दिया। सीजेएम के इस आदेश को गलत ठहराते हुए अभियोगी ने जिला जज की अदालत में चुनौती दी।

मामले में जिला जज की अदालत में सुनवाई चली और पक्षकारों ने अपने तर्कों एवं साक्ष्यों को प्रस्तुत किया। जिसके पश्चात जिला एवं सत्र न्यायाधीश तनवीर अहमद ने रमजानी के मृत्यु प्रमाण पत्र एवं अन्य साक्ष्यों को दृष्टिगत रखते हुए सीजेएम के आदेश को पलटते हुए अभियोगी की निगरानी स्वीकार कर ली। जिला जज की अदालत ने अभियोगी की निगरानी के सम्बंध में पारित आदेश को दृष्टिगत रखते हुए पुन: सुनवाई कर विधि अनुसार उचित निर्णय लेने का आदेश दिया है। अदालत के इस आदेश से फर्जीवाड़ा करने वाले आरोपियों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है।

Hindi News / Sultanpur / मर चुकी बड़ी मां को जिंदा दिखाने के मामले में सीजेएम के आदेश को जिला जज ने ठहराया गलत

ट्रेंडिंग वीडियो