
सुलतानपुर. Dragon Fruit Benifits- ड्रैगन फ्रूट कमाल का फल है। इसे जो खाता है सेहतमंद बनता है और जो उगाता है वह लखपति बन जाता है। यह फल इतना गुणकारी है कि इसके सेवन से मानो उम्र थम सी जाती है। इसका सेवन बुढ़ापे का असर कम करता है। ड्रैगन फ्रूट को पोषण का पावर हाउस भी कहा जाता है। इसके नियमित इस्तेमाल से डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल और ह्रदय रोग पास नहीं फटकते। ड्रैगन फ्रूट स्वाद में मीठा होता है। इसके खाने के बाद पूरे शरीर में ताजगी का अहसास होता है। भारतीय बाजारों में इसकी कीमत 250-300 रुपए प्रति किलो है।
मूलतः दक्षिण अमेरिका, वियतनाम, श्रीलंका और चीन का यह फल उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी, बाराबंकी, बस्ती और सुलतानपुर जिलों में भी उगाया जा रहा है। सुलतानपुर जिले के पीपी कमैचा ब्लॉक के कोथरा खुर्द गांव निवासी किसान मुरारी सिंह ने सबसे पहले ड्रैगन फ्रूट की खेती करना किया था। डिमांड को देखते हुए बड़ी संख्या में किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं। यहां कोलकाता से उम्दा किस्म के फल तैयार हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि अभी तक इस तरह के फल सिर्फ सूबे की राजधानी या फिर देश के बड़े महानगरों में ही उपलब्ध हैं।
ड्रैगन फ्रूट का सेवन डेंगू, चिकनगुनिया से करे सुरक्षा
सुलतानपुर के प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. जयप्रकाश त्रिपाठी के मुताबिक, डेंगू और चिकनगुनिया सरीखी जानलेवा बीमारियों में ड्रैगन फ्रूट संजीवनी का काम करता है। सुबह के नाश्ते में इसका उपयोग शरीर को भरपूर उर्जा और एनर्जी देता है।
एक एकड़ से सात-आठ लाख की आमदनी
ड्रैगन फ्रूट की आधुनिक खेती करके प्रगतिशील किसान मुरारी सिंह मालामाल तो हो ही गए हैं, देशभर के किसानों के लिए भी रोल मॉडल बन गए हैं। किसान मुरारी सिंह बताते हैं कि ड्रैगन फ्रूट का एक पौधा करीब एक हजार रुपये का पड़ता है और ड्रैगन फ्रूट के हर एक पौधे से करीब 30 से 40 फल आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। औसतन एक एकड़ में किसान इसके पांच सौ खंबों में दो हजार पौधे तैयार कर सकते हैं। जिनसे करीब सात-आठ लाख रुपये की आमदनी हो सकती है। किसान मुरारी सिंह कहते हैं कि प्रदेश में ऑर्गेनिक तरीके से ड्रैगन फ्रूट उगाया जा रहा है। इससे किसानों की आमदानी में 8 गुना इजाफा हो रहा है।
पीएम मोदी और सीएम योगी भी कर चुके हैं प्रशंसा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सुलतानपुर के प्रगतिशील किसान मुरारी सिंह को अपने सरकारी आवास पर बुलाकर उनकी मेहनत और लगन की सराहना की है। कहा कि ऐसे अभिनव कृषि कार्य अन्य किसानों के लिए प्रेरक है। 'मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इनकी खेती का जिक्र कर चुके हैं।
ड्रैगन फ्रूट क्यों पड़ा नाम?
ड्रैगन फ्रूट की खेती से स्टार बने मुरारी सिंह का कहना है कि ड्रैगन फ्रूट की खेती वियतनाम में होती है, लेकिन चीन ने इस फ्रूट को दुनियाभर में फैलाया इसलिए इसे ड्रैगन फ्रूट कहा जाता है।
Published on:
04 Aug 2021 07:56 pm
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