शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के अयोध्या आने पर मौनी महराज ने कहा कि वोट की राजनीति करने के लिए शिवसेना के लोग महाराष्ट्र से यहां आ रहे हैं। उनके यहां आने का एक और कारण है, वह यह है कि महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों की संख्या निर्णायक है और वहां होने वाले किसी भी चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। हमें लगता है की शिवसेना का वर्चस्व समाप्त हो चुका है। वह राम के नाम पर राजनीति करके शिवसेना को स्थापित करना चाहते हैं। उन्हें राम से कोई मतलब नहीं। जो बाला साहब ठाकरे महाराष्ट्र से उत्तर भारतीय हिंदुओं को निकालने का काम करते थे, अब वह राम लला का समर्थन कैसे करेंगे?
उन्होंने शिवसेना के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद तुड़वाने का जो श्रेय शिवसेना लेना चाहती है, उसके असली हकदार पवन पाण्डेय है, क्योंकि वह तब शिवसेना में थे। वह हमारे क्षेत्र के थे, लेकिन शिवसेना प्रमुख यह श्रेय महाराष्ट्र के शिवसैनिकों को देना चाहते हैं जो गलत है। बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय पवन पांडेय मौजूद थे, इसलिए वह उस केस में मुलजिम भी हैं। उद्धव ठाकरे जो कि उत्तर भारतीयों का विरोध करते हैं और सियासत करने के लिए उत्तर भारत में आये हुए हैं।
मौनी महाराज ने कहा कि वोट की राजनीति करने से राम का काम नहीं चलेगा, जिन्हें राम चाहिए वह राम की बात करें। अगर वोट चाहिए तो अपने घर वापस जाएं। सरकार में रहने वाले लोग कान खोलकर सुन ले, जो राम लला का नहीं वह हमारा नहीं।