गांधी ने कूरेभार ब्लाक के बैथू गांव में 10 वर्षों से अपूर्ण जूनियर हाईस्कूल व प्राइमरी स्कूल को बनाने के लिए प्रभारी बीएसए को निर्देशित किया। श्रीमती गांधी ने मिरदासपुर में हौसला प्रसाद वर्मा के जर्जर मकान जिसे उनके देवर प्रेम कुमार बनाने नही दे रहे है को बनाने के लिए गोसाईगंज थाने के सब इंस्पेक्टर मातादीन को निर्देशित किया।सांसद मेनका संजय गांधी ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर लोकसभा क्षेत्र के चिन्हित कमजोर 255 बूथों को मजबूती के लिए सांसद विधायक को जिम्मेदारी दी गई है है। उन्होंने कहा मैंने उन गांवों का दौरा शुरू कर दिया है जहां पर भाजपा पिछले चार चुनावों में कमजोर रही है।
परिवार कार्ड बनवाने की योजना वरदान गांधी ने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार की प्रत्येक परिवार को रोजगार दिलाने के लिए परिवार कार्ड बनाने की योजना युवा बेरोजगारों के लिए वरदान साबित होगी। सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रतिबंध पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गांधी ने कहा कि पॉलीथिन के उत्पादन पर भी प्रतिबंध लगाकर इसे पूर्णतया बंद करने की जरूरत है,उन्होंने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि इसकी सफलता के लिए नागरिक भरपूर सहयोग करेंगे। गांधी ने चक विड़ार, बंदरहा एवं अमिलिया विसुई गांव में भाजपा कार्यकर्ता मृतक मनोज वर्मा ,शैलेन्द्र सिंह एवं सुरेन्द्र कुमार निषाद के परिजनों से मुलाकात कर शोक संवेदना व सांत्वना व्यक्त की।आज सांसद के साथ प्रमुख रूप से शशिकांत पांडे, सांसद मीडिया प्रभारी विजय सिंह रघुवंशी, श्याम बहादुर पांडे, संदीप प्रताप सिंह, संदीप मिश्रा, प्रशांत द्विवेदी, प्रदीप यादव, सुभाष वर्मा,संदीप पांडे, पन्नालाल जायसवाल, अजीत यादव,अरविंद वर्मा, रणजीत सिंह, प्रधान “प्रदीप शर्मा अनवर खान आदि मौजूद रहे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद मेनका संजय गांधी ने संसदीय क्षेत्र दौरे के दूसरे दिन जासापारा गांव में अन्नदाता महिलाओं के साथ धान की रोपाई की। सांसद मीडिया प्रभारी विजय सिंह रघुवंशी ने जानकारी देते हुए बताया कि सांसद श्रीमती गांधी जयसिंहपुर थाने के चमरा का बंधवा गांव में जनचौपाल को संबोधित कर स्व. सुरेंद्र कुमार निषाद के सड़क दुर्घटना में हुए आकस्मिक निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करने अमिलिया विसुई गांव जा रही थी तभी श्रीमती गांधी की नजर जासापारा गांव में सड़क किनारे खेतों में धान रोपते हुए अन्नदाता महिलाओं पर पड़ी। गांधी ने गाड़ी रुकवाई और सीधे महिला किसानों के पास पहुंची और उनको प्रोत्साहित करने के लिए उनके साथ धान रोपाई करने लगी। यहां पर उन्होंने अन्नदाता महिलाओं के साथ काफी देर बातचीत भी की और सबका हालचाल जाना। गांधी का यह रूप देख कर अन्नदाता महिलाएं अचंभित थी और उनके खुशी का ठिकाना नहीं था।