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Ghade ka Pani : फोड़ा-फुंसी और कील-मुहासों में रामबाण है घड़े का पानी, इम्युनिटी बढ़ाने के साथ ही कब्जियत भी करता है दूर

locationसुल्तानपुरPublished: Jun 12, 2021 12:20:32 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

Ghade ka Pani peene ke Fayde- सुलतानुपर के प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर रामनाथ पांडेय ने बताया कि घड़े का पानी शरीर को ठंडा रखने में और कई बीमारियों से बचाए रखने में बेहद मददगार साबित होता है

mitti ke ghade ka pani peene ke fayde
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
सुलतानपुर. Ghade ka Pani peene ke Fayde- गर्मियों में मिट्टी से बने घड़े/मटके का पानी अमृत से कम नहीं है। मटके का पानी सेहत का खजाना है। आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर रामनाथ पांडेय के मुताबिक, देखा जाय तो गर्मी के मौसम में फ्रिज से बेहतर मटके का पानी होता है जो प्यास तो बुझाता ही है, गर्मियों में होने वाली कई बीमारियों से भी बचाता है। मटके में रखे पानी में प्राकृतिक रूप से कूलिंग इफेक्ट्स आ जाते हैं, यही वजह है कि यह शरीर को ठंडा रखने में और शरीर को कई बीमारियों से बचाए रखने में बेहद मददगार साबित होता है।
आयुर्वेदाचार्य डॉ. रामनाथ पांडेय बताते हैं कि मिट्टी से बने मटके या सुराही में छोटे-छोटे सूक्ष्म छिद्र होते हैं। इन सूक्ष्म छिद्रों को सामान्य रूप से नहीं देखा जा सकता। इनमें पानी का ठंडा होना पूरी तरह वाष्पीकरण क्रिया पर निर्भर होता है। बताया जाता है कि मिट्टी के बर्तनों की सबसे बड़ी खासियत यही होती है कि जितना अधिक वाष्पीकरण होगा, मिट्टी के बने मटके का पानी भी उतना ही ज्यादा ठंडा होगा। मटके के सूक्ष्म छिद्रों द्वारा मटके का पानी बाहर निकलता रहता है जो गर्मी के कारण वाष्प बनकर उड़ जाता है। सूक्ष्म छिद्रों द्वारा हो रही पूरी प्रक्रिया से मटके का तापमान कम हो जाता है और पानी ठंडा हो जाता है।
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शरीर की इम्युनिटी बढ़ता है मटके का पानी
आयुर्वेदाचार्य डॉ पांडेय बताते हैं कि आयुर्वेद में तथा कई शोधों से यह पता चला है कि मटके का पानी किसी अमृत से कम नहीं है। मटके का ठंडा पानी शरीर के लिए औषधि के समान नहीं है। मटके का ठंडा पानी शरीर की इम्युनिटी मजबूत करता है, जिससे किसी भी रोग से लड़ने में आपके शरीर को ताकत मिलती है। मटके का पानी शरीर में टेस्टोस्टरॉन का स्तर बढ़ाता है। इससे एसिडिटी जैसी दिक्कत दूर होने के साथ ही पाचन क्रिया दुरुस्त होती है और मटके का पानी गले को भी आराम पहुंचाता है।
लू से बचाता है मटके का पानी
आयुर्वेदाचार्य डॉ पांडेय बताते हैं कि गर्मी के महीने में लू की चपेट में आने पर आपको डॉक्टर, वैद्य के पास जाकर इलाज कराना पड़ता है। ग्लूकोज चढ़वाना पड़ता है। लेकिन, मटके का पानी पीने से ही लू आपके पास नहीं फटकेगा यानी मटके का पानी लू से बचाता है।
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घड़े के पानी से दूर होती है पेट की कब्जियत
आयुर्वेदाचार्य डॉ पांडेय बताते हैं कि मटके का पानी पीने से कब्जियत की समस्या जड़ से खत्म हो जाती है। मिट्टी के बर्तनों में रखे पानी में विटामिन और खनिज शरीर के अंदर ग्लूकोज के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। यह आपके शरीर को ठंडक प्रदान करता है। मिट्टी के घड़े की सतह में छोटे-छोटे पोर्स होते हैं, जिससे पानी की गर्मी खत्म हो जाती है और मटके में रखे पानी का तापमान कम होकर ठंडा हो जाता है।
घड़े का पानी पीने से फोड़ा-फुंसी और कील-मुहासों नहीं निकलते
आयुर्वेदाचार्य डॉ पांडेय बताते हैं मिट्टी से बने घड़े (मटके) का पानी पीने से मनुष्य की त्वचा में अपने आप निखार आ जाता है। मटके के पानी में जो सबसे अच्छा गुण है, वह यह है कि मटके का पानी पीने से शरीर में फोड़ा, फुंसी और कील, मुहासे नहीं निकलते। मटके का पानी पीने से त्वचा संबंधी कई बीमारियों से अपने आप छुटकारा मिल जाता है। चिकित्सक बताते हैं कि शरीर में दर्द और सूजन जैसी समस्याओं से जूझ रहे लोगों को मटके का पानी नियमित रूप से पीना चाहिए।
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(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गयी जानकरियां और सूचनाएं आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर रामनाथ पांडेय की जानकरियों पर आधारित हैं। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता। इन पर अमल करने से पहले सम्बंधित विशेषज्ञ से सम्पर्क करें।)
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