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परिवार में होंगे दो से ज्यादा बच्चे तो नहीं मिलेगा सुमंगला योजना का लाभ

- सुमंगला योजना का लाभ लोगों को 25 अक्टूूबर से मिलना शुरू हो जाएगा - योजना का लाभ लेने के लिए है कुछ शर्तें

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सुलतानपुर. प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक सुमंगला योजना (Kanya Sumangla Yojana) का लाभ लोगों को 25 अक्टूूबर से मिलना शुरू हो जाएगा। सुलतानपुर में योजना की तैयारियों को पंख लगना शुरू हो गया है। वहीं, इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें हैं, जिन्हें लाभार्थी को पूरा करना होगा। इस योजना का लाभ उस परिवार को नहीं मिलेगा जिस माता-पिता के दो से अधिक बच्चे हों। लेकिन अगर संतानें जुड़वा हैं, तो सुमंगला योजना का लाभ दिया जाएगा।
महिला सशक्तिकरण को मिलेगा बल

प्रदेश सरकार ने महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में कन्या सुमंगला योजना के रूप में एक नई पहल की है। योजना के अन्तर्गत बालिकाओं व महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ विकास के नए अवसर प्रदान किए जाएंगे। जिलाधिकरी सी. इन्दुमती ने बताया कि महिला सशक्तिकरण वर्तमान सरकार की प्रतिबद्वता है। महिलाओं के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा कन्या सुमंगला योजना के रूप में एक नई पहल की गई है, जिसके क्रियान्वयन से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की अवधारणा सुदृढ़ होगी। इस योजना से महिला सशक्तिकरण को बल मिलेगा।

जिलाधिकारी ने बताया कि यह योजना महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाने का काम करेगी। योजना के तहत कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह की कुप्रथा को रोकने व नवजात कन्या के परिवार को आर्थिक सहायता दिए जाने की सकारात्मक सोच विकसित की जाएगी। उन्होंने बताया कि बालिका के जन्म होने पर दो हजार रुपये, बालिका के एक वर्ष तक के पूर्ण टीकाकरण के उपरान्त एक हजार रुपये, कक्षा एक में बालिका के प्रवेश के उपरान्त दो हजार रुपये, कक्षा छह में बालिका के प्रवेश के उपरान्त दो हजार रुपये, कक्षा नौ में बालिका के प्रवेश उपरान्त तीन हजार रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अलावा जिन बालिकाओं ने 12वीं उत्तीर्ण कर स्नातक किया हो व दो वर्ष या अधिक अवधि का डिप्लोमा कोर्स किया हो, उन्हें पांच हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

सुमंगला योजना के नियम

लाभार्थी का परिवार उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए।

परिवार की वार्षिक आय कम से कम तीन लाख तक होनी चाहिए।

एक दंपत्ति के दो से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए।

किसी महिला को द्वितीय प्रसव से जुड़वा बच्चे होने पर तीसरी सन्तान के रूप में लड़की को भी इसका लाभ मिलेगा।