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संत ज्ञानेश्वर हत्याकांड: पूर्व विधायक और उनके भाई के खिलाफ हाईकोर्ट ने जारी किया वारंट

2006 में कुंभ से लौटते समय हडिय़ा में संत ज्ञानेश्वर समेत 9 लोगों की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।  

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Saint Gyaneshwar Murder Case

सुल्तानपुर. चर्चित संत ज्ञानेश्वर हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है। हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी किया है। इलाहाबाद जिले के हडिय़ा तहसील में 2006 में कुम्भ से लौटते समय सन्त ज्ञानेश्वर सहित 9 लोगों की अत्याधुनिक हथियारों से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसमें उनकी 3 महिला भक्त भी शामिल थीं। इस हत्याकांड को लेकर इसौली क्षेत्र के पूर्व विधायक चन्द्र भद्र सिंह सोनू,उनके भाई पूर्व ब्लाक प्रमुख यश भद्र सिंह मोनू सहित 4 नामजद के खिलाफ हडिय़ा थाने में हत्या समेत कई अन्य धाराओं में मुकदमा पंजीकृत हुआ था। जिसमें नामजद आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था। हत्या के इस चर्चित मुकदमे में ट्रायल होने के बाद सेशन जज की कोर्ट से सभी आरोपियों को 2010 में बाइज्जत बरी हो गए थे।
इस हत्याकांड में बरी होने के खिलाफ सन्त ज्ञानेश्वर के बड़े भाई इन्द्रदेव तिवारी ने सत्र न्यायाधीश के निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जिस पर उच्च न्यायालय की दो जजों की पीठ ने हत्याकांड के सभी आरोपियों को उपस्थित होने के लिए वारण्ट जारी किया है। उच्च न्यायालय ने आरोपियों को 4 सप्ताह के अन्दर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट इलाहाबाद की कोर्ट में हाजिर होकर जमानतनामा, व्यक्तिगत बंधपत्र दाखिल करने का आदेश दिया है। अपील पर सुनवाई के दौरान पूर्व विधायक के अधिवक्ता गैरहाजिर रहे थे। मामले में उच्च न्यायालय में 17 मई को सुनवाई होगी। 17 मई को हाईकोर्ट में सुनवाई के दिन पूर्व विधायक समेत चारों अभियुक्तों को हाजिर होने का आदेश हुआ है।
उल्लेखनीय है कि जिले के कूरेभार थाना क्षेत्र में मझवारा गांव में सन्त ज्ञानेश्वर ने जमीन पर अवैध कब्जा करके बहुत विशाल आश्रम बना लिया था, जिसमें हो रही संदिग्ध गतिविधियों के चलते पूर्व विधायक चन्द्रभद्र सिंह सोनू, यश भद्र सिंह मोनू के पिता पूर्व विधायक इन्द्रभद्र सिंह ने विरोध किया था। आश्रम में चल रही संदिग्ध गतिविधियों के विरोध के चलते बाबा सन्त ज्ञानेश्वर के शिष्यों ने 21 जनवरी 1999 को दीवानी न्यायालय के पास बम मार कर इन्द्रभद्र सिंह की हत्या कर दी थी। बताया जाता है कि अपने पिता की मौत का बदला लेने के लिए इलाहाबाद कुम्भ से लौटते समय हडिय़ा रेलवे क्रासिंग के पास अति अत्याधुनिक असलहों से गोली मारकर सन्त ज्ञानेश्वर की हत्या कर दी गई थी, जिसमें कुल 9 लोग मारे गये थे। इस सनसनीखेज हत्याकांड में चन्द्र भद्र सिंह और उनके भाई यशभद्र सिंह समेत 4 अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था।