16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बच्चों को अटल की गलत जन्मतिथि पढ़ा रहा शिक्षा विभाग, सरकार की भी हो रही किरकिरी

विषय विशेषज्ञ पुस्तक में छपने वाले कंटेंट का अध्ययन कर पाठ में शामिल करने की सहमति प्रदान करता है...

2 min read
Google source verification
atal bihari vajpayee

बच्चों को अटल की गलत जन्मतिथि पढ़ा रहा शिक्षा विभाग, सरकार की भी हो रही किरकिरी

सुलतानपुर. केंद्र व प्रदेश सरकार भले ही गांव-गांव अटल बिहारी वाजपेयी की कवितायें और उनके काम गिना रही है, लेकिन बेसिक शिक्षा परिषद बच्चों को भाजपा के संस्थापक एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मतिथि गलत पढ़ा रहा है। कक्षा 6 में पढ़ाई जाने वाली हिंदी 'मंजरी' में अटल जी की जन्मतिथि 2 दिसम्बर 1924 लिखी हुई है, जबकि उनकी जन्मतिथि 25 दिसम्बर 1924 है।

केंद्र और प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार होने के बावजूद भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मतिथि बेसिक शिक्षा विभाग छात्रों को गलत पढ़ा रहा है। परिषदीय स्कूलों में कक्षा 6 के छात्रों को निःशुल्क वितरित की जाने वाली पाठ्य पुस्तक हिंदी 'मंजरी' में अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मतिथि गलत लिखी गई है और उसी को शिक्षकों द्वारा छात्रों को पढ़ाया जा रहा है। बताते चलें कि कक्षा 6 में पढ़ाई जाने वाली हिंदी 'मंजरी' में पाठ 21 पर अटलजी की कविता शीर्षक 'आओ फिर से दिया जलाएं' पाठ्यक्रम में शामिल कर प्रकाशित की गई है। यहां यह बताना समीचीन होगा कि इस कविता पाठ के नीचे कवि का परिचय देते हुए भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मतिथि 2 दिसम्बर 1924 लिखी हुई है, जबकि उनकी जन्मतिथि 25 दिसम्बर 1924 है।

विषय विशेषज्ञों की टीम पास करती है अप्रूव
बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश सूबे के प्राथमिक विद्यालयों एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में पाठ्यक्रम में शामिल और पढ़ाई जाने वाली पाठ्य पुस्तकों का खुद मुद्रण कराकर पूरे प्रदेश में वितरित करता है। इन किताबों के मुद्रण के लिए बेसिक शिक्षा विभाग का अपना पाठ्य पुस्तक विभाग शिक्षा निदेशालय बेसिक है। इसी में तैनात है सभी विषयों की एक विशेषज्ञ लोगों की टीम जो पाठ्यक्रम से लेकर सामग्री तय करती है। उसके पहले विषय विशेषज्ञ पाठ्य सामग्री का अध्ययन कर पाठ में शामिल करने की सहमति प्रदान करता है। पाठ्य पुस्तकों में गलती नहीं हो, इसके लिए कई चरणों में जांच होती है। जब सभी चरणों से हो जाती है, तो किताबों को वितरित करने के लिए भेजा जाता है। ये किताबें आगरा की पायनियर प्रिंटर्स मुद्रक महल से प्रकाशित की गई हैं। आश्चर्यजनक बात यह है कि इतनी बड़ी मिस्टेक किस स्तर पर हुई, पता नहीं चल पा रहा है। फिलहाल बताया जाता है कि आगरा से प्रकाशित इस किताब की 2 लाख 15 हजार 183 प्रतियों का प्रकाशन हो चुका है।

बोले हो कानूनी कार्यवाही
इस सम्बंध में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार पांडेय ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मतिथि छात्र-छात्राओं को गलत पढाई जा रही है, जो क्षम्य नहीं है। प्रदेश सरकार को चाहिए कि ऐसे प्रकाशन संस्थान को काली सूची में डालकर कानूनी कार्यवाही की जाये।