15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अंबिकापुर-दिल्ली ट्रेन के बाद अब इस रेलमार्ग की तैयारी, कोलकाता पहुंचना हो जाएगा आसान, रेलवे ने जारी किया टेंडर

Railway News: लंबे समय से इस रेलमार्ग (Rail line) को भी शुरु किए जाने की की जा रही थी मांग, 144 किलोमीटर लंबी इस रेललाइन के अंतिम सर्वेक्षण (Last survey) के लिए रेलवे द्वारा जारी कर दिया गया है टेंडर, केंद्रीय राज्य मंत्री व सरगुजा सांसद ने दी जानकारी

2 min read
Google source verification
Railway news

Railway line

विश्रामपुर. Railway News: अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन १४४ किलोमीटर मार्ग के अंतिम सर्वेक्षण हेतु रेलवे ने टेंडर जारी कर दिया है। केंद्रीय राज्य मंत्री एवं सरगुजा सांसद रेणुका सिंह ने बताया कि उक्त रेल लाइन से रेणुकूट के रास्ते वाया मुगलसराय, इलाहाबाद, कानपुर दिल्ली एवं धनबाद, खडग़पुर के रास्ते कोलकाता का मार्ग सुगम एवं प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री, रेल मंत्री (Union Railway Minister) से समय-समय पर किए गए मेरे अनुरोध पर जन मानस की एक और मांग आने वाले समय में प्रशस्त होती दिखाई दे रही है। इस प्रकार सरगुजा अंचल जो रेल के विस्तार से अछूता रहा है, यहां पर रेल लाइनों का जाल बिछेगा और भव्य अंबिकापुर रेल मण्डल के रूप में आकार लेगा।


सांसद रेणुका सिंह ने कहा कि अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन का सर्वे (Ambikapur-Renukoot Rail Line Survey) जल्द पूरा हो हम सब मिलकर ऐसा प्रयास करेगे। उन्होंने कहा कि बौरीडांड़ से अंबिकापुर तक दोहरी रेल लाइन, विश्रामपुर-कमलपुर स्टेशन के मध्य जयनगर रेलवे फाटक पर ओवर ब्रिज का निर्माण रेल के विकास एवं जन भावना के मांग की अनुरूप है।

सूरजपुर रोड से परसाकेते तक पीपीपी माडल (PPP model) पर रेल पांत तैयार है और परिचालन चल रहा है, उसे बढ़ाकर मोरगा के रास्ते कोरबा तक किया जाना है, इस पर भी बात चीत आगे बढ़ चुकी है।

यह भी पढ़ें: साइबर ठग ने इन 2 कलक्टरों को बनाया निशाना, परिचितों को मैसेज भेज मांग रहे रुपए


रेल मंत्री ने अन्य मांगें भी पूरा करने की कही थी बात
14 जुलाई को अंबिकापुर-दिल्ली हजरत निजामुद्दीन ट्रेन (Ambikapur-Delhi train) परिचालन के दिवस पर केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Railway Minister) ने सरगुजा की जनता से कहा था कि क्षेत्र की जनता की अन्य मांगें भी पूरी होंगी। इस दिशा में कार्य प्रारंभ हो गए हैं, जो सरगुजा जैसे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होंगे।