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एसईसीएल के जीएम ने माना, लगातार घाटे के कारण संकट में है विश्रामपुर कोल क्षेत्र का अस्तित्व

SECL: महाप्रबंधक विद्यानंद झा ने सभी के सहयोग से बेहतर कोल उत्पादन (Coal production) पर दिया जोर, कुमेली जलप्रपात (Kumeli waterfall) पर्यटन स्थल पर सद्भावना मिलन कार्यक्रम में कही ये बातें

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एसईसीएल के जीएम ने माना, लगातार घाटे के कारण संकट में है विश्रामपुर कोल क्षेत्र का अस्तित्व

SECM GM in Kumeli waterfall

विश्रामपुर. एक समय था जब बिश्रामपुर क्षेत्र से प्रतिदिन 10 हजार टन कोयला का उत्पादन (Coal production) होता था। क्षेत्र का वह स्वर्णिम काल था, उस वक्त यहां सभी अधिकारी आना चाहते थे परंतु समय के उतार-चढ़ाव के बीच बिश्रामपुर क्षेत्र को काफी नुकसान हुआ।

हम सब मिलकर इस चुनौती को स्वीकार करते हुए क्षेत्र का स्वर्णिम काल वापस लाने कदम से कदम मिलाकर काम करेंगे। उक्त बातें महाप्रबंधक विद्यानंद झा ने शुक्रवार को जिले के कुमेली जलप्रपात पर्यटन स्थल पर सद्भावना मिलन कार्यक्रम में कही।


इस अवसर पर महाप्रबंधक ने कहा कि विश्रामपुर क्षेत्र लंबे समय से कोयला उत्पादन के विकराल संकट से जूझ रहा है। लगातार भारी घाटे में रहने के कारण क्षेत्र का अस्तित्व संकट में है।

आप सभी के सहयोग से क्षेत्र को कोयला संकट से उबारने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि अभी जिला प्रशासन का भी समुचित सहयोग मिल रहा है। ढाई वर्ष से बंद पड़ी क्षेत्र की आमगांव ओपनकास्ट परियोजना से जल्द ही कोयला उत्पादन प्रारंभ होने की संभावना है। भू स्वामियों को प्रबंधन द्वारा 48 करोड़ का मुआवजा वितरण किया जाएगा।

आप सभी के सहयोग से विश्रामपुर क्षेत्र को कोयला उत्पादन के मामले में सिरमौर बनाना है। क्षेत्र के नवागत केतकी भूमिगत परियोजना से उत्पादन करने की कोशिश लगातार जारी है। सभी के सहयोग से आगामी 3 साल में विश्रामपुर क्षेत्र से हम 4 मिलियन टन कोयला उत्पादन करेंगे।


ये रहे उपस्थित
कार्यक्रम के दौरान महाप्रबंधक ने भोजपुरी एवं हिंदी गीत, क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक जीएस राव, गंगाधर महतो जीएम ऑपरेशन, सब एरिया मैनेजर एके सिंह, पीएम जीएस राव, एके सिंह, पीसी साहू, डीके गुप्ता, एफ अंसारी, वीपी सिंह के अलावा श्रमिक प्रतिनिधि सुजीत सिंह, हीरालाल, आरएन श्रीवास्तव, डीएस सोढ़ी, बीबी सेन, अमरजीत सिंह, अजीत यादव, राजेश सिंह, पंकज गर्ग, परमजीत सिंह, अशोक सिंह,

जेपी पांडेय, प्रेमचंद सिंह, राम आशीष पाल, रामदास सिंह, देवनाथ तिग्गा, एनजे जोल्हे ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में आरके तिवारी, बलराम हेम्ब्रम, अनुपम दास, धु्रव कुमार सिंह, भौमिक, सुब्रत पाल, संजय कुमार सकिय रहे। कार्यक्रम का संचालन सुब्रत पाल ने किया।