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जिनके कड़े पहरे में होती है जेल की सुरक्षा, वे खुद रहते हैं कीचड़ भरी राह व सिपेज वाले मकानों में

जर्जर कॉलोनी में आवश्यक सुविधाओं के अभाव में रहने को मजबूर जेल प्रहरी, कॉलोनी में पहुंचने के लिए सड़क तक नहीं

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Mud road of Jail colony

Jail guards colony

सूरजपुर. जेल मंत्री के गृह जिले में स्थित उपजेल में सुरक्षा का दायित्व निभाने वाले आरक्षक खुद खतरों के बीच रहने को विवश हैं। आरक्षकों की स्थिति यह है कि वे रोज अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर घरों तक पहुंचने की जद्दोजहद करते हैं। जेल की पुराने कॉलोनी में रहने वाले करीब आधा दर्जन से अधिक आरक्षकों व उनके परिवारजनों का हाल बेहाल है।

यहां उपजेल में विस्तार के पहले जो संतरियों के लिए कॉलोनी बनी थी वह तो जर्जर हो ही चुकी है इधर जेल विस्तार के बाद इस कालोनी तक पहुंचने की सड़क तक गायब हो गई है। ऐसे में इस पुराने कालोनी में रहने वाले संतरियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

जेल के ठीक पीछे बनी इस कालोनी तक पहुंचने के लिए सड़क न होने से इस बारिश के दिनों में किसी संघर्ष से कम नहीं है। इतना ही नहीं उनके घरों तक पहुंचने के लिए बने पगडंडीनुमा सड़क के दोनों ओर इस कदर खतरनाक झाडियां हैं जिससे आरक्षक व उनके परिजन भयाक्रांत रहते हैं। आरक्षकों के परिजन बताते हैं कि इन झाडिय़ों में कई खतरनाक विषधरों का डेरा है जिससे कई बार आते-जाते उनके दर्शन हो जाने से भय और बढ़ा हुआ है।

आरक्षकों के परिजन बताते हैं कि इस डर से शाम ढलते ही बच्चों और महिलाओं को घर में दुबक कर रह जाने की विवशता है। इतना ही नहीं महिलाएं यह भी बताती हैं कि पगडंडियों के बीच जैसे-तैसे बचे सड़क में ही जेल के गंदे पानी का निकासी है जो और मुसीबत बढ़ाए हुए है।

इसके दुर्गंध से न केवल कालोनी के लोग त्रस्त हैं बल्कि दो वक्त की रोटी भी निगलना मुश्किल है। इतना ही नही गंदगी के कारण मोहल्ले में संक्रामक रोगों के फैलने का भी खतरा बना रहता है।


भवन भी हो चुका है जर्जर
वर्षों पूर्व बना उक्त भवन भी पूरी तरह जर्जर हो चुका है। जिससे यहां रहने वाले आरक्षकों के परिवार खुद को सुरक्षित नहीं मानते। आरक्षकों के परिजन बताते हैं कि पिछले वर्ष कुछ मरम्मत हो जाने के कारण इस वर्ष रहने लायक है वरना इन घरो में बारिश के दिनों में जगह-जगह पानी टपक रहे पानी से बचने के लिए प्लास्टिक या तिरपाल का सहारा लेना पड़ता था।

PWD विभाग को दो वर्ष पूर्व ही लिखा जा चुका है पत्र
सड़क, नाली व भवन मरम्मत के लिए लोक निर्माण विभाग को पत्र दो वर्ष पूर्व ही लिखा जा चुका है। किंतु अब तक प्राकलन न मिलने से स्वीकृति नहीं मिल पा रही है। इसके लिए प्रयास किया जा रहा है।
अश्विनी कुमार शुक्ला, सहायक जेल अधीक्षक, सूरजपुर


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