
75 days ago charted Rajdhani express chart
सूरत।रेलवे में ट्रेन के रवाना होने से चार घंटे पहले चार्ट बनाने का नियम है, लेकिन सात अक्टूबर को सूरत से रवाना होने वाली राजधानी एक्सप्रेस का चार्ट डन बताने से मंगलवार को रिजर्वेशन सेंटर में बुकिंग नहीं हो सकी। खामी का पता चलने पर रेल अधिकारियों ने मुम्बई को सम्पर्क किया, तब जाकर देर शाम से राजधानी में बुकिंग शुरू हो सकी।
सूरत स्टेशन के आरक्षण केन्द्र में क्रिस नाम का सॉफ्टवेयर लगा है, जिससे रिजर्वेशन टिकट बुक किया जाता है। मंगलवार को सॉफ्टवेयर में तकनीकी खामी के कारण राजधानी एक्सप्रेस में सात अक्टूबर को सूरत से टिकट बुक होना बंद हो गया। सात अक्टूबर को सूरत से दिल्ली या सूरत से किसी अन्य स्टेशन का टिकट बुक नहीं हो रहा था।
रिजर्वेशन सेंटर के बुकिंग क्लर्क टिकट बुक करते तो उनको चार्ट डन बताया जाता, जबकि मुम्बई से इसी तारीख के टिकट बुक करने में कोई दिक्कत नहीं हो रही थी। रेल अधिकारियों ने इसकी जानकारी मुम्बई रेल मंडल के वरिष्ठ अधिकारियों को दी। इसके बाद सिस्टम में सुधार करने के निर्देश जारी किए गए। इसमें सुबह से शाम हो गई।
रेलवे ने बताया कि शाम से राजधानी में बुकिंग शुरू हो गई है। करीब दस घंटे बाद राजधानी एक्सप्रेस में सात अक्टूबर का रिजर्वेशन शुरू हो सका। अचानक हुई इस गड़बड़ी से कई यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। रेल अधिकारियों को भी जब इसका पता चला तो पहले वह भी चौंक गए। बाद में मुम्बई मंडल कार्यालय को जानकारी दी गई।
नहीं माने किसान, काम रोका
गणदेवी में बुलेट ट्रेन के लिए मंगलवार को जमीन मापणी करने गए अधिकारियों को किसानों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। समझाने पर भी नहीं मानने पर काम रोक दिया गया। बुलेट ट्रेन परियोजना का जिले के किसानों द्वारा विरोध किया जा रहा है। कुछ किसान बुलेट ट्रेन में जाने वाली जमीन का मुआवजा बाजार भाव से चार गुना मांग रहे हैं तो कुछ किसान किसी कीमत पर जमीन देने को तैयार नहीं हैं। इस बीच राज्य सरकार ने जमीन संपादन के लिए प्रोजेक्ट से जुड़ी एजेन्सी को साथ लेकर किसानों के साथ बैठक भी की, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला है।
सरकार की ओर से मुआवजे को लेकर कोई स्पष्टता नहीं करना भी इसके लिए बड़ा कारण है। मंगलवार को गणदेवी के इच्छापोर गांव में डीआइएलआर की टीम पुलिस बंदोबस्त के साथ जमीन की मापणी करने पहुंची थी। इसका पता लगते ही नवागाम, पिंजरा, माणेकपोर और पाथरी गांव के करीब तीन सौ से ज्यादा किसान वहां पहुंच गए। किसानों ने उग्र विरोध कर काम रुकवा दिया। इसकी जानकारी मिलते ही प्रांत अधिकारी नेहा ङ्क्षसह, तहसीलदार एसडी चौधरी मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाने की कोशिश की।
गांव के सरपंच और अग्रणी धीरेन पटेल, बलवंत पटेल, रविन्द्र पटेल, दीपक पटेल समेत अन्य किसान आक्रोशित हो गए और कहा कि बुलेट ट्रेन को लेकर विरोध नहीं है, लेकिन पहले सरकार को अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए। लोगों ने कहा कि जमीन के मुआवजे की रकम तय किए बिना ही संपादन के लिए जमीन की मापणी हो रही है। किसानों ने कहा कि किसकी कितनी जमीन प्रोजेक्ट में जाने वाली है, इसकी पूर्व सूचना भी नहीं दी। किसानों ने जमीन का मुआवजा तय करने के बाद संपादन प्रक्रिया शुरु करने को कहा। आखिरकार प्रांत अधिकारी और तहसीलदार को काम बंद करवाकर लौटना पड़ा।
Published on:
07 Aug 2018 04:48 am
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