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मिशन एडमिशन : प्रवेश समिति आर्किटेक्चर की सीटें भरने में हुई फेल

- कॉलेजों को ही रिक्त सीट भरने का सौंप दिया जिम्मा- राज्य में 44% और दक्षिण गुजरात में 65% सीट खाली

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मिशन एडमिशन : प्रवेश समिति आर्किटेक्चर की सीटें भरने में हुई फेल

मिशन एडमिशन : प्रवेश समिति आर्किटेक्चर की सीटें भरने में हुई फेल

सूरत.
राज्य के आर्किटेक्चर कॉलेजों की सीट भरना मुश्किल हो गया है। कॉलेजों में पड़ी रिक्त सीटों को भरने का जिम्मा अब सीधे कॉलेजों को ही सौंप दिया गया है। राज्य में 44 प्रतिशत और दक्षिण गुजरात में 65 प्रतिशत आर्किटेक्चर की सीट खाली पड़ी है। अब देखना है की कॉलेज स्तर पर कितने विद्यार्थी प्रवेश लेते हैं।
इंजीनियरिंग की तरह अब आर्किटेक्चर करने वाले विद्यार्थी भी कम होते जा रहे हैं। राज्य के आर्किटेक्चर कॉलेजों में प्रवेश की स्तिथि से ही इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। एडमिशन कमिटी फॉर प्रोफेशनल कोर्स ने आर्किटेक्चर की सीट के लिए दो बार प्रवेश का राउंड आयोजित किया। राज्य में कुल 23 आर्किटेक्चर कॉलेज है इनमें कुल 1093 सीट है। इनमें से 615 सीटों पर विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया और 478 सीट खाली पड़ी है। दक्षिण गुजरात के 6 आर्किटेक्चर कॉलेज में भी सीट खाली पड़ी है। प्रवेश के दो राउंड बाद भी यहां सीट नहीं भर पाई है। जबकि सूरत के साथ दक्षिण गुजरात में निर्माण क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। राज्य में 44% और दक्षिण गुजरात में 65% सीट खाली पड़ी है। अब इन्हें भरने का जिम्मा एसीपीसी ने सीधा कॉलेजों को सौंप दिया है। कॉलेजों को फॉर्म जारी कर वेब साइट पर प्रचार कर मेरिट के आधार पर प्रवेश देने का निर्देश दिया है। अब देखना है कि कॉलेज अपने स्तर पर कितनी सीट भर पाते हैं।