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सडक़ों पर दुकान के आगे मुफ्त पार्किंग की मियाद बुधवार रात पूरी हो रही है। उसके बाद इस व्यवस्था के लिए लोगों को जेब ढीली करनी होगी। इस व्यवस्था...

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Bus, free until today, charging from tomorrow

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सूरत।सडक़ों पर दुकान के आगे मुफ्त पार्किंग की मियाद बुधवार रात पूरी हो रही है। उसके बाद इस व्यवस्था के लिए लोगों को जेब ढीली करनी होगी। इस व्यवस्था का दूसरा पहलू यह है कि मनपा प्रशासन एक महीने की अवधि के दौरान पार्किंग पॉलिसी पर अपनी तैयारियों को पूरी तरह अंजाम दे पाने में विफल रहा है। ऐसे में मनपा को पार्किंग दर की वसूली के लिए अपनी टीम उतारनी होगी। जहां तक वाहन टो करने की बात है, लोकसभा चुनाव से पहले इस पर अमल होता नहीं दिखता।

पार्किंग पॉलिसी पर अमल की कवायद के तहत शुरुआत में जिन २४ जगहों पर ऑनसाइट पार्किंग स्थल तय किए गए थे, उन पर मनपा प्रशासन ने सूरतीयों को २० फरवरी तक मुफ्त पार्किंग का तोहफा दिया था। यह मियाद बुधवार रात पूरी हो जाएगी। उसके बाद इन जगहों पर पार्किंग के लिए लोगों को शुल्क चुकाना होगा। सूरतीयों के लिए यह अलग तरीके का अनुभव होगा। पार्किंग पॉलिसी पर अमल से पहले वह मौका देख मुफ्त में वाहन खड़े कर जाते थे, अब उसके लिए जेब ढीली करनी पड़ेगी।

शहर में यातायात समस्या से निपटने के लिए मनपा प्रशासन ने करीब डेढ़ साल पहले पार्किंग पॉलिसी पर कवायद शुरू की थी। इसका ड्राफ्ट शहर के स्टेक होल्डर्स के सामने रख उनके सुझाव मांगे गए। फिर फाइनल ड्राफ्ट को मंजूरी के लिए राज्य सरकार को भेजा गया था। राज्य सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद २० जनवरी से मनपा प्रशासन ने इस पर अमल शुरू कर दिया था।
तलाशे जाने हैं

खुले प्लाट्स

नो पार्किंग जोन में खड़े वाहनों को टो करने के लिए जहां वाहनों की जरूरत है, टो किए गए वाहनों को रखने के लिए खुले प्लाट्स तलाशने हैं। टाउन प्लानिंग विभाग ने जब मनपा आयुक्त के समक्ष अमल की तैयारियों का प्रजेंटेशन दिया था, उसी समय अधिकारियों को खुले प्लाट्स तलाशने की हिदायत दी गई थी। जोनल अफसरों को इन रास्तों पर ऑन साइट और ऑफ साइट पार्किंग के विकल्प भी तलाशने की हिदायत भी दी गई थी।

एक महीने बाद भी खुले प्लाट्स की तलाश पूरी नहीं हो पाई है। ऑनसाइट पार्किंग की दर वसूली का काम एजेंसी को दिया जाना है। इसे किस एजेंसी को सौंपा जाए, मनपा प्रशासन अभी तय नहीं कर पाया है। पार्किंग शुल्क की वसूली के लिए जब तक कोई एजेंसी तय नहीं होती, यह जिम्मा ट्रैफिक सेल के हिस्से रहेगा।


मनपा प्रशासन के लिए कम पड़ गया तैयारी का समय

मुफ्त पार्किंग के लिए एक महीने का समय देने की एक वजह यह थी कि इस दौरान मनपा प्रशासन बाकी बची तैयारियां पूरी कर लेगा। जिस तरह से काम हुआ है, उससे साफ है कि तैयारियों के समय को लेकर मनपा प्रशासन सही आकलन नहीं कर पाया। नो पार्किंग जोन में खड़े वाहनों को टो करने के लिए टोइंग वाहन चाहिए, जिनकी व्यवस्था मनपा प्रशासन अभी तक नहीं कर पाया है। १५-२० दिन के भीतर लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी। इतने कम समय में टोइंग वाहन नहीं खरीदे जा सकते। ऐसे में तय है कि वाहनों को टो करने का काम चुनाव के बाद ही शुरू हो पाएगा। पार्किंग पॉलिसी पर अमल के लिए आइटी विभाग को एक एप्लीकेशन तैयार करना था, जो अब तक नहीं बन पाया है। जिस तरह से काम हुआ है उसमें मनपा प्रशासन बस किसी तरह ऑनसाइट पार्किंग का शुल्क ही वसूल पाएगी।