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CA RESULT : सीए फाइनल में चमके सूरत के होनहार

- नए कोर्स में प्रीत प्रथम, पुराने में अनुराग तीसरे स्थान पर- दोनों परीक्षाओं में देश के शीर्ष ५० छात्रों में १० सूरत के

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CA RESULT : सीए फाइनल में चमके सूरत के होनहार

सूरत.

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आइसीएआइ) के शुक्रवार को घोषित सीए फाइनल परीक्षा के परिणाम में सूरत के विद्यार्थियों ने देशभर में श्रेष्ठ स्थान हासिल कर सफलता के परचम लहराए। नए पाठ्यक्रम की परीक्षा में शहर के प्रीत प्रीतेश शाह ने देश में पहला स्थान प्राप्त किया तो पुराने पाठ्यक्रम की परीक्षा में अनुराग बागडिय़ा तीसरे स्थान पर रहे। इसके अलावा चौथे स्थान पर देवांश शाह, पांचवे पर सौरभ गौरीसरिया, १६वें स्थान पर गोपाल मालानी, ४५वें स्थान पर वैराग शाह और राज मेहता ४८वें स्थान पर रहे। फाइनल के दोनों पाठ्यक्रमों में टॉपर रहे ५० विद्यार्थियों की सूची में सूरत के १० विद्यार्थी स्थान बनाने में सफल रहे। इसके अलावा सैकड़ों अन्य विद्यार्थियों ने भी परीक्षा में श्रेष्ठता साबित की। नए पाठ्यक्रम में नमन केजरीवाल छठे, भाविक दूधवाला ३०वें, गर्वित सेकसरिया और हेम शाह ३२वें स्थान पर रहे।

मना जश्न, टॉपर्स को दी बधाई
परिणाम आते ही नए कोर्स में अव्वल रहे प्रीत शाह को बधाइयां देने वालों का तांता लग गया। परिजनों और दोस्तों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। राजस्थान पत्रिका से बातचीत में प्रीत ने बताया कि उसने तीन साल तक निरंतर पढ़ाई जारी रखी और अंतिम परीक्षा से छह महीने पहले दुगुनी मेहनत की। उसने सफलता का श्रेय परिवार के साथ उन वरिष्ठजनों को भी दिया, जिन्होंने उसका मार्गदर्शन किया।

समय प्रबंधन, नियमित अध्यापन से मिली सफलता
पुराने कोर्स में देश में तीसरा स्थान पाने वाले अनुराग के पिता मूलत: राजस्थान के झुंझुनूं जिले में नवलगढ़ के रहने वाले हैं। अनुराग ने बताया कि उसने समय प्रबंधन के साथ-साथ नियमित अध्यापन किया और परीक्षा में सफलता पाई। अनुराग का सपना किसी बड़ी कॉर्पोरेट कम्पनी में काम करने का है।

क्या है नया और पुराना पाठ्यक्रम
आइसीएआइ ने नए पाठ्यक्रम में आइएफआरएस, जीएसटी, वित्तीय प्रबंधन जैसे कई नए विषयों को शामिल किया है। साथ ही पुराने कई नियम-प्रावधानों को संशोधित रूप में प्रस्तुत किया है। भविष्य में इसी पाठ्यक्रम से भावी सीए तैयार किए जाएंगे। चूंकि इसी सत्र में नए बदलाव सामने आए, इसलिए जो बीते दो या तीन साल से फाइनल परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, उन्हें पुराने पाठ्यक्रम से परीक्षा देने का विकल्प दिया गया।