
आखिर लेडी डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज, बेवजह ऑपरेशन समेत कई गंभीर आरोप
सूरत. बच्ची को जन्म देने के दौरान संदिग्ध हालत में प्रसूता की मौत को लेकर स्मीमेर अस्पताल में दो दिन तक परिजनों के धरने के बाद गुरुवार देर रात पुलिस झुकी और लेडी डॉक्टर को नामजद कर गंभीर आरोपों के तहत मामला दर्ज कर लिया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक कापोद्रा कलमपार्क सोसायटी निवासी मयूर केवडिया ने स्टेशन रोड के अपूर्व अस्पताल की लेडी डॉक्टर शीला शाह (DR. SHEELA SHAH) तथा उनके सहकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि २४ सितम्बर की शाम दया (33) की प्रसूति के दौरान सर्जरी ऑपरेशन की हालत नहीं होने के बावजूद शीला शाह ने सर्जरी कर डिलीवरी की सलाह दी। सर्जरी उन्होंने खुद नहीं की, बल्कि अपने स्टाफ से करवाई। सर्जरी के दौरान अनुमति के बगैर उन्होंने दया का गर्भाशय निकाल दिया। ऑपरेशन के बाद दो कोरे फॉर्म पर हस्ताक्षर करवा लिए गए। ऑपरेशन के दौरान अत्यधिक रक्त बहने के कारण दया की मौत हो गई थी। महिधरपुरा पुलिस (MAHIDHAR PURA POLICE) निरीक्षक पी.ए.आर्य ने गुरुवार देर रात शीला शाह के खिलाफ गैर इरादतन हत्या (IPC 304) के आरोप में मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। उल्लेखनीय है कि परिजनों ने अस्पताल पर उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करने की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो नाराज परिजन बुधवार को स्मीमेर अस्पताल में धरने पर बैठ गए थे। उन्होंने दया (DAYA KEVADIYA) का शव स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। गुरुवार को भी उनका धरना जारी रहा। देर रात इंचार्ज पुलिस आयुक्त हरिकृष्ण पटेल ने उनसे बात की। उसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया।
अंतिम यात्रा में उमड़ी भीड़
डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद परिजनों ने दया का शव स्वीकार किया और घर ले गए। शुक्रवार सुबह दया की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। तापी नदी के किनारे अश्वनी कुमार श्मशान गृह में अंतिम संस्कार किया गया।
बच्ची की हालत नाजुक
परिजनों का कहना है कि दया ने जिस बच्ची को जन्म दिया था, उसकी हालत नाजुक है। उसे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है।
डॉक्टरों ने जताया विरोध, पुलिस आयुक्त को सौंपा ज्ञापन
सूरत. लेडी डॉक्टर के खिलाफ आईपीसी की धारा ३०४ के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज होने पर इंडीयन मेडिकल एसोशिएशन से जुड़े डॉक्टरों ने विरोध जताया। उन्होंने इंचार्ज शहर पुलिस आयुक्त हरिकृष्ण पटेल को ज्ञापन देकर कई सवाल उठाए। डॉक्टरों का कहना था कि पुलिस ने घटना के ४८ घंटे बाद किसी दबाव के चलते मामला दर्ज किया। यदि इसी तरह डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई होगी तो डॉक्टर मरीजों का इलाज करने से कतराएंगे। पटेल ने उनसे मिले डॉक्टरों को सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के मुताबिक पुलिस द्वारा कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया।
Published on:
27 Sept 2019 10:12 pm
बड़ी खबरें
View Allसूरत
गुजरात
ट्रेंडिंग
