
Surat/ कैंसरग्रस्त मरीज की मौत का मामला, चिकित्सक को चुकाने होंगे 2.50 लाख रुपए
सूरत। जीभ में कैंसर होने के बावजूद सामान्य अल्सर बताकर उपचार करते रहने से हुई मरीज की मौत के मामले में ग्राहक कोर्ट ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मरीज की मौत के लिए चिकित्सक को जिम्मेदार मानते हुए ढाई लाख रुपए ब्याज समेत मुआवजे के तौर पर चुकाने का चिकित्सक और अस्पताल को आदेश दिया है।
गणदेवी निवासी फूलचंद विश्वकर्मा ने अधिवक्ता ईशान श्रेयस देसाई के जरिए बिलीमोरा की शांतेश्वर हॉस्पिटल और ईएनटी डॉ. राजन दलाल के खिलाफ ग्राहक कोर्ट में शिकायत दायर की थी। फूलचंद पत्नी पार्वती की जीभ में छाला पड़ने से उसे अस्पताल लेकर गया था। यहां ईएनटी डॉ. राजन दलाल ने जांच के बाद सामान्य अल्सर बताते हुए दवाइयां और मरहम दिया था। पंद्रह दिनों के बाद भी जब कोई फर्क नहीं पड़ा तो दंपती दोबारा अस्पताल गया। उसके बाद डॉक्टर ने दवाइयां बदल दी और कहा कि इससे छाला ठीक हो जाएगा। इस तरह छह महीने तक डॉक्टर राजन दवाइयां देते रहे, लेकिन फिर भी छाला ठीक नहीं हुआ। अंत में जब रिपोर्ट करवाई तो पता चला की मरीज को जीभ का कैंसर है। इसके बाद डॉक्टर राजन का बर्ताव बदल गया और मरीज से बातचीत करना बंद कर दिया। फूलचंद ने पत्नी को सूरत के भरत कैंसर अस्पताल में भर्ती करवाया। यहां उपचार के दौरान मरीज की मौत हो गई थी।
इसके बाद पति ने डॉ.राजन और अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए ग्राहक कोर्ट में न्याय के लिए गुहार लगाई थी। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने अधिवक्ता ईशान श्रेयस देसाई की दलीलों को ध्यान में रखते हुए मरीज की मौत के लिए अस्पताल और डॉ. राजन दलाल को जिम्मेदार माना और दोनों को मुआवजे के तौर पर ढाई लाख रुपए याचिका दायर करने की तारीख से सालाना नौ फीसदी ब्याज के साथ चुकाने का आदेश दिया।
Published on:
15 Oct 2023 08:33 pm
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