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सूरत

कागजों पर बिखरे कल्पनाओं के कई रंग

चित्र प्रतियोगिता में छोटे बच्चों ने उकेरे सुंदर सपने

सूरतSep 09, 2018 / 06:57 pm

विनीत शर्मा

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कागजों पर बिखरे कल्पनाओं के कई रंग

सूरत. बृजमंडल और राजस्थान पत्रिका के संयुक्त तत्वाधान में रविवार को आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में बच्चों की कल्पना की उड़ान कागजों पर उतर आई। छोटे बच्चों ने वाइट पेपर पर रंगीन सपने उकेरे और उनके अभिभावकों ने भविष्य के चित्रकार का सपना अपनी आंखों में संजोया।
सिटीलाइट के महाराजा अग्रसेन भवन में बृजमंडल की ओर से चल रहे श्रीकृष्णलीला महोत्सव 2018 के तहत रविवार को चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। तीन वर्गों में हुई प्रतियोगिता के वर्ग ए में पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों को परिवार से जोडऩे के लिए ‘माइ फैमिली’, कक्षा तीन से पांच तक के वर्ग बी के बच्चों को पर्यावरण के प्रति बचपन से जागरूक करने के उद्देश्य से ‘सेव ट्री सेव अर्थ’ तथा कक्षा छह से आठ तक के वर्ग सी के बच्चों को तापी नदी के सरोकारों से जोडऩे के लिए ‘माइ ड्रीम फॉर तापी रिवर’ विषय दिए गए थे। नन्हे चितेरों ने अपने-अपने वर्गों में परिवार के रूप में अपने भाव, पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और तापी नदी को लेकर भविष्य की तस्वीर के रंग ड्रॉइंग शीट पर बिखेर दिए।
अच्छा लगता है बार-बार आना

राजस्थान पत्रिका और बृज मंडल कई साल से चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन कर रहे हैं। कई प्रतिभागी ऐसे हैं, जो हर बार इस प्रतियोगिता का हिस्सा बनते हैं। इन बच्चों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उनके लिए पुरस्कार जीतना और पहले नंबर पर आना उतना महत्वपूर्ण नहीं है, जितना प्रतियोगिता में भाग लेना। बच्चों ने बताया कि हर बार अच्छा करने का प्रयास करते हैं। हर साल प्रदर्शन पहले से बेहतर होता है। सबसे बड़ी बात यह है कि मन को लगता है, जो कुछ हमने स्कूल में सीखा, उसे बेहतर तरीके से यहां डिलीवर कर पाए।
अंतरराष्ट्रीय फलक पर चमकी प्रतियोगिता की खोज

इस प्रतियोगिता की यह बड़ी उपलब्धि है कि एक प्रतिभागी इसी आयोजन से निकली और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। बैंकर पिता की बेटी प्राची भट्ट ने पहली बार राजस्थान पत्रिका की चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लिया था और पहले ही प्रदर्शन में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच अपने वर्ग में पहला स्थान हासिल किया था। उसके बाद लगातार प्राची ने इन प्रतियोगिताओं में अपनी कला का लोहा मनवाया। प्राची के हौसलों ने उड़ान भरी तो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी उसने प्रतिभा का प्रदर्शन किया। सीनियर कक्षा मेंं जाने के कारण बीते दो साल से प्राची प्रतियोगिता का हिस्सा नहीं बन पा रही है, जिसका उसे मलाल भी है।

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