Invention; दो भाइयों ने बनाई 5 साल तक बिना खर्च चलने वाली मोपेड उसने पुरानी बाइक (bike) के पुर्जे और अन्य सामान से कैप्सूल आकार वाली इ-बाइक (E-bike) बनाई है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बाइक में जेल बैटरी का उपयोग किया है। यह बाइक छह घंटे चार्ज होने के बाद 60 किमी तक चल सकती हंै। इस बाइक को बनाने में महज 30-35 हजार रुपए का खर्च हुआ है और प्रति घंटे 40 किमी की रफ्तार होने से दुर्घटना (Accident) का भय भी कम है। इ- बाइक चलाने के लिए लाइसेन्स की जरुरत नहीं रहती। इसके अलावा पीयूसी (PUC), नंबर प्लेट, हेलमेट (helmet) की भी जरुरत नहीं होने से हमजा द्वारा बनाई गई अलग तरह की बाइक लोगों को बहुत पसंद आ रही है लोगों की ओर से उसे बाइक बनाने के ऑर्डर भी मिलने लगे है।
प्रदूषण कम करने में उपयोगी
वाहनों के प्रदूषण (Pollution) को कम करने के लिए सरकार भी इलेक्ट्रीक (Electricale) वाहनों को प्रोत्साहित कर रही है। राज्य सरकार ( State Government) ने अहमदाबाद (Ahemdabad) में इ-बाइक सेवा शुरू की है। हमजा ने बनाई इ-बाइक से भी प्रदूषण नहीं फैलाता है। बैटरी भी जेल की होने से इसके ज्यादा गर्म होने या फटने की आशंका भी कम हो जाती है।