
GSEB : 11वीं के विद्यार्थियों को डीइओ से मिलेगा माइग्रेशन सर्टिफिकेट
सूरत.
माइग्रेशन सर्टिफिकेट के लिए अब विद्यार्थियों को गुजरात माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। बोर्ड ने माइग्रेशन सर्टिफिकेट देने का जिम्मा जिला शिक्षा अधिकारी को सौंप दिया है। इस बारे में आदेश जारी कर दिया गया है। अन्य बोर्ड, अन्य राज्य या देश में प्रवेश के समय विद्यार्थियों से माइग्रेशन सर्टिफिकेट मांगा जाता है।
गुजरात बोर्ड का मुख्य कार्यालय गांधीनगर में होने से विद्यार्थियों को माइग्रेशन सर्टिफिकेट के लिए वहां जाना पड़ता है। इस बार भी माइग्रेशन सर्टिफिकेट के लिए सैकड़ों विद्यार्थी गांधीनगर पहुंचे। गुजरात बोर्ड ने विद्यार्थियों और अभिभावकों की परेशानी दूर करने के लिए बड़ा फैसला करते हुए जिला शिक्षा अधिकारियों को माइग्रेशन सर्टिफिकेट प्रदान करने की जिम्मेदारी सौंप दी है। गुजरात बोर्ड कमेटी में यह प्रस्ताव रखा गया था। कमेटी ने इसे पास कर दिया। यह प्रस्ताव सिर्फ 11वीं के विद्यार्थियों के लिए है। 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को माइग्रेशन सर्टिफिकेट के लिए गांधीनगर ही जाना होगा। गुजरात बोर्ड ने वेबसाइट पर माइग्रेशन सर्टिफिकेट का नमूना जारी कर दिया है। जिला शिक्षा अधिकारियों को इसके अनुसार विद्यार्थियों को माइग्रेशन सर्टिफिकेट देने का निर्देश दिया गया है। 11वीं के विद्यार्थियों को माइग्रेशन सर्टिफिकेट के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से संपर्क करने को कहा गया है।
५,२८,८७० विद्यार्थी गुजरात बोर्ड एसएससी का प्रमाणपत्र हासिल करने में सफल
राज्यभर से ५,२८,८७० विद्यार्थी गुजरात बोर्ड एसएससी का प्रमाणपत्र हासिल करने में सफल रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा ६४,०८९ विद्यार्थी सूरत जिले से हैं। भरुच जिले से १३८९५, दमन जिले से १२५३, डांग से १९३२, नर्मदा से ४००५, नवसारी से १३४०४, तापी से ५२५६ और वलसाड से १४८३८ विद्यार्थी 10वीं का प्रमाणपत्र पाने में सफल रहे। इस साल भी छात्राएं आगे रही हैं। छात्राओं का परिणाम ७२.६९, जबकि छात्रों का ६३.७३ प्रतिशत रहा। पिछले साल छात्राओं का परिणाम ७३.३३ और 2016 में ७२.११ प्रतिशत था। छात्रों का परिणाम पिछले साल ६४.६९ प्रतिशत और 2016 में ६३.६२ प्रतिशत था।
Published on:
21 Jul 2018 10:39 pm
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