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गुजरात शिक्षा बोर्ड ने जारी किया नया पाठ्यक्रम

- एनसीइआरटी के अनुसार ही होंगे विज्ञान वर्ग में प्रयोग-विद्यार्थियों के लिए प्रयोगपोथी तैयार करना अनिवार्य

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गुजरात शिक्षा बोर्ड ने जारी किया नया पाठ्यक्रम

सूरत.

गुजरात माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ९वीं और 11वीं विज्ञान वर्ग में अब विद्यार्थियों को एनसीइआरटी के अनुसार प्रयोग करने होंगे। उन्हें एनसीइआरटी के अनुसार प्रयोगपोथी तैयार करनी होगी। बोर्ड ने एनसीइआरटी के अनुसार प्रयोगों का पाठ्यक्रम जारी किया है। सभी स्कूलों को इस पाठ्यक्रम के अनुसार विद्यार्थियों को प्रयोगों का प्रशिक्षण देने का आदेश दिया गया है।
गुजरात बोर्ड के विद्यार्थियों का सीबीएसइ और अन्य एजेंसियों की ओर से ली जाने वाली परीक्षाओं में प्रदर्शन निराशाजनक रहता है। इस वजह से गुजरात बोर्ड ने सीबीएसइ के पाठ्यक्रम का अनुकरण करना शुरू कर दिया है। इस शैक्षणिक सत्र से कक्षा 1 से 12 तक सभी पाठ्य पुस्तकें एनसीइआरटी के अनुसार तैयार की गई हैं।

पाठ्यक्रम एनसीइआरटी के अनुसार तैयार किया गया

खासकर विज्ञान वर्ग के विद्यार्थियों के भविष्य के लिए पूरा पाठ्यक्रम एनसीइआरटी के अनुसार तैयार किया गया है। इस शैक्षणिक सत्र से 9वीं और 11वीं विज्ञान वर्ग में एनसीइआरटी की किताबों को लागू कर दिया गया है। 9वीं और 11वीं विज्ञान वर्ग में जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान में प्रयोग भी करने होते हैं। इन प्रयोगों की अलग से परीक्षा होती है। प्रयोगों के अंक मुख्य परीक्षा के अंक के साथ जोड़कर परिणाम तैयार होता है। गुजरात बोर्ड ने स्कूलों को 9वीं और 11वीं के विद्यार्थियों को एनसीइआरटी के प्रयोग सिखाने का आदेश दिया है। शैक्षणिक सत्र के दौरान कौन-कौन-से प्रयोग विद्यार्थियों को सिखाने होंगे, उसका प्रारूप जारी कर दिया गया है। इसके आधार पर विद्यार्थियों को प्रयोग सिखाने का आदेश दिया गया है। प्रशिक्षण के दौरान एनसीइआरटी के अनुसार विद्यार्थियों की प्रयोगपोथी तैयार करने का निर्देश भी दिया गया है। बोर्ड ने 11वीं विज्ञान वर्ग की परीक्षा फरवरी और मार्च में स्कूलों को अपनी व्यवस्था के अनुसार लेने का आदेश दिया है।

एनसीइआरटी किताबों को फोलो करने लगे

मेडिकल में प्रवेश के लिए नीट को अनिवार्य किया गया है। पहले नीट को लेकर गुजरात में फाफी हंगामा हुआ था। नीट को गुजराती में लेने की मांग हुई थी। गुजरात में गुजरात बोर्ड के विद्यार्थी ज्यादा होने से नीट के परिणाम को लेकर अभिभावक चिंतित थे। नीट का जिम्मा सीबीएसइ को सौंपा गया, इसलिए सभी बोर्ड के विद्यार्थी, जिन्हें एमबीबीएस करना है, वह सीबीएसइ की एनसीइआरटी किताबों को फोलो करने लगे।