
सूरत. मनपा की स्थाई समिति ने बुधवार को प्रशासन के कर वृद्धि के प्रस्तावों को खारिज कर दिया। प्रशासन ने सम्पत्ति कर में 207 करोड़ रुपए की वृद्धि का प्रस्ताव दिया था, जिसे समिति ने नामंजूर करते हुए पुरानी दर को ही यथावत रखा है। यूजर्स चार्ज में भी 330 करोड़ रुपए के वृद्धि के प्रस्ताव को कम कर सिर्फ 107 करोड़ रुपए रखा है। शिक्षण समिति के 482.05 करोड़ रुपए के आवंटन में 5.37 करोड़ रुपए की कमी कर 476.68 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दी गई।
विपक्ष के हंगामे और सत्ता पक्ष के दबाव के कारण शहर के 18 लाख से अधिक सम्पत्ति मालिकों को कर में राहत मिली है। प्रशासन के कर वृद्धि के 537 करोड़ रुपए के प्रस्तावों को कम करते हुए सत्ता पक्ष ने इसे 107 करोड़ रुपए की वृद्धि पर समेट दिया। मनपा की आर्थिक हालत डवांडोल होती देख 30 जनवरी को मनपा आयुक्त एम.थेन्नारसन ने ड्राफ्ट बजट 2018-19 में कर वृद्धि का प्रस्ताव पेश किया था। उसी दिन से सत्ता पक्ष और विपक्ष में बेचैनी शुरू हो गई थी। सत्ता पक्ष के पार्षदों के एक दल ने स्थाई समिति अध्यक्ष राजेश देसाई को ज्ञापन सौंपकर कर वृद्धि वापस लेने की मंाग की थी तो कांग्रेस ने चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की थी। मंगलवार को तो कांग्रेस ने हद ही पार कर दी। तोडफ़ोड़ और हंगामे के कारण स्थाई समिति की पहले दिन की बैठक बाधित रही। मनपा के सभी पदाधिकारियों, सांसदों, विधायकों और शहर संगठन के पदाधिकारियों को फोरन गांधीनगर तलब किया गया था। गांधीनगर में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के साथ चर्चा के बाद तय हो गया था कि शहर से 12 विधायक देने वाले सूरतीयों पर इतनी कर वृद्धि मान्य नहीं होगी। मनपा पदाधिकारियों ने तय किया कि कर वृद्धि के प्रस्ताव को वापस लेते हुए आमदनी के बजाए खर्च में कटौती करना प्रासंगिक रहेगा। इसी पर मुहर लगा दी गई।
यह किया मंजूर
मनपा आयुक्त की ओर से वित्तीय वर्ष 2018-19 के 5377.97 करोड़ रुपए के बजट में सुधार करते हुए स्थाई समिति ने 268.49 करोड़ रुपए कम कर 5109.48 करोड़ रुपए का कर दिया। इसमें रेवन्यू आवक 2967.93 करोड़ को कम कर 2678.24 करोड़ रुपए, कैपिटल आवक 1629.84 करोड़ रुपए को यथावत और लोन आवक 50 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 150 करोड़ रुपए, कुल आवक 4647.77 करोड़ से घटाकर 4458.08 करोड़ रुपए की गई। इसी तरह कुल खर्च 5377.97 करोड़ रुपए से घटाकर 5109.48 करोड़ रुपए किया गया है। इसमें रेवन्यू खर्च 2971.12 करोड़ रुपए को यथावत, कैपिटल खर्च को 2406.85 करोड़ रुपए से घटाकर 2138.36 करोड़ रुपए किया गया है। वित्तीय वर्ष 2017-18 के रिवाइज्ड बजट में कुल खर्च 4438.90 को कम कर 4418.18 करोड़ रुपए और आवक 4057.94 करोड़ रुपए को बढ़ाकर 4060.94 करोड़ रुपए किया गया। इसमें रेवन्यू आवक 2432.87 को बढ़ाकर 2435.87 करोड़ रुपए, कैपिटल आवक 1495.07 करोड़ रुपए को यथावत और लोन आवक को भी 130 करोड़ रुपए यथावत रखा गया। गैर-जरूरी प्रकल्पों को डालेंगे ठंडे बस्ते में
मनपा के बढ़ते प्रशासनिक खर्च और बड़े प्रकल्पों की संख्या को नियंत्रित किया जाएगा। जरूरी होने पर ही जोन में प्रकल्पों को मंजूरी मिलेगी। स्थाई समिति ने प्रशासनिक खर्च घटाने के कई उपाय सुझाए हैं। प्रशासन के कर वृद्धि प्रस्तावों को रोकने के बाद अब सत्ता पक्ष फिजूल के खर्च रोकने पर विशेष ध्यान देगा। बुधवार को मनपा मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में स्थाई समिति अध्यक्ष राजेश देसाई ने साफ किया कि कई उपायों से खर्च को नियंत्रित करने की कोशिश होगी। ब्रिजों के नीचे ब्यूटिफिकेशन संबंधी खर्च को कम कर आवक का जरिया खोजा जाएगा। बजट में ब्रिजों, स्वीमिंग पूलों, गार्डन और नए स्कूल भवनों में कमी की जाएगी। जहां जरूरी होगा, वहीं इन प्रकल्पों को लिया जाएगा। बजट में प्राथमिक शाला के लिए नए भवनों के निर्माण का प्रस्ताव शामिल किया गया था, इसके बजाए अब वर्ष 2006 की शहर की सीमा विस्तार के दौरान शामिल हुए क्षेत्रों में जिला पंचायत के स्कूल भवनों का समावेश कर उनका ही जीर्णोद्धार किया जाएगा। कतारगाम जोन अंतर्गत लेक गार्डन में सेकण्डरी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा, जिससे गार्डन मेें पानी की आपूर्ति के अलावा लेक और उसके आसपास के रोड डिवाइडर में भी जलापूर्ति की जरूरत को पूरा कर पीने लायक पानी की बचत की जाएगी। दूसरे जोन में भी पानी की बचत के लिए यह प्रयोग शुरू होगा। आयुक्त के प्रस्ताव में सभी जोन में चार मॉडल रोड का सैद्धांतिक निर्णय किया गया है, इसमें सुधार करते हुए मॉडल रोड की डिजाइन में बदलाव कर खर्च में कमी की जाएगी। इसी तरह ब्रिजों के नीचे ब्यूटिफिकेशन खर्च में कमी करने के लिए डिजाइन में बदलाव लाया जाएगा। बचत को ध्यान में रखते हुए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सल्टेंसी (पीएमसी) को नियंत्रित किया जाएगा।

Published on:
07 Feb 2018 09:50 pm
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