
ऐसा कैसा सफर, जो पड़ रहा जेब पर भारी
सूरत. दीपावली पर्व मनाने के लिए कर्मभूमि सूरत से मूल प्रदेश की ओर जाने वाले प्रवासी यात्रियों की भीड़ को ध्यान में रख निजी बस संचालकों ने किराए में इजाफे के अलावा अतिरिक्त बसों की व्यवस्था भी की है। घर-परिवार के बीच दीपावली मनाने के लिए मूल प्रदेश जाने का सिलसिला धनतेरस सोमवार से तेज हो गया।
देश के अधिकांश प्रदेश के प्रवासी बड़ी संख्या में सिल्कसिटी व डायमंडनगरी में बसे है। प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी दीपावली पर हजारों-लाखों प्रवासी धनतेरस के मौके पर कर्मभूमि सूरत में माता लक्ष्मी की आराधना के बाद अब मूल प्रदेश के लिए रवाना हुए। गंतव्य यात्रा के लिए प्रवासियों की भीड़ शहर में सहारा दरवाजा, सरदार मार्केट, परवत पाटिया के अलावा अन्य क्षेत्रों में दोपहर से देर रात तक रही। वहीं, दीपावली के मौके पर प्रवासी यात्रियों की भीड़ को ध्यान में रख निजी बस संचालकों ने अतिरिक्त कमाई की व्यवस्था में किराए में इजाफे के अलावा बसों की संख्या भी बढ़ाई है। संचालकों के मुताबिक किराए में करीब 20 से 25 फीसदी का इजाफा किया गया है। सूरत से राजस्थान अथवा अन्य प्रदेश के शहरों में जाते समय यात्रियों की भीड़ अवश्य मिल रही है, लेकिन वापसी में बसें खाली आ रही है। उधर, यात्रियों के मुताबिक बस संचालक इन दिनों मनमाना किराया वसूल रहे है। सूरत से दीपावली पर मूल प्रदेश जाने वालों में राजस्थान, महाराष्ट्र एवं सौराष्ट्र के लोगों की संख्या सर्वाधिक है।
कथा की पूर्णाहुति
डिंडोली में सांईनगर की प्रजापति समाज की वाड़ी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह की पूर्णाहुति सोमवार सुबह यज्ञ-हवन के साथ की गई। कथा सहयोगी सचिन श्रीवास्तव ने बताया कि 29 अक्टूबर से आयोजित कथा में व्यासपीठ से श्रीधाम अयोध्या के संत निर्मलशरण महाराज ने रविवार तक रोजाना शाम छह से रात दस बजे तक भागवत कथा का श्रवण श्रद्धालुओं को कराया। वहीं, कथा की पूर्णाहुति पर सोमवार सुबह कथास्थली प्रजापति समाज की वाड़ी में यज्ञ-हवन का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य यजमान समेत अन्य श्रद्धालुओं ने भाग लिया। बाद में महाप्रसादी भी आयोजित की गई।
Published on:
06 Nov 2018 06:34 pm
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