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कृत्रिम तालाबों में प्रतिमाएं विसर्जित

विसर्जन यात्रा में उमड़े भक्त

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कृत्रिम तालाबों में प्रतिमाएं विसर्जित

बारडोली.

बारडोली शहर सहित सूरत और तापी जिले में शांतिपूर्ण माहौल में रविवार सुबह से ही गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हुआ, जो देर रात जारी रहा। चुस्त पुलिस बंदोबस्त के बीच बारडोली शहर में विसर्जन यात्रा निकली गई, जिसमें 50 से अधिक गणेश मण्डल शामिल थे। विसर्जन यात्रा धीमी गति से चलने के कारण देर रात तक विसर्जन जारी रहा। मिंढोला नदी के किनारे बनाए गए कृत्रिम तालाब में करीब 450 और तलावड़ी मैदान में बनाए गए बड़े कृत्रिम तालाब में 150 से अधिक गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। लोगों के घरों तथा सोसायटियों में दस दिनों का आतिथ्य ग्रहण करने के बाद रविवार को भक्तों से विघ्नहर्ता ने विदाई ली।

भक्तों ने नम आंखों से विघ्नहर्ता को विदाई दी। जाते-जाते विध्नहर्ता ने साल भर तक सुख-शांति-समृद्धि का आशीर्वाद देते हुए जलाशय में विलीन हो गए। भक्तों ने डीजे, ढोल-नगारो नगाड़ों के साथ गणपति बाप्पा मोरिया के नारे लगाए। अलग-अलग मण्डल विसर्जन यात्रा में नृत्य करते नजर आए। कोई अघटित घटना न बने इसके लिए बारडोली में पुलिस मुस्तैद रही। गणेश विसर्जन के दौरान समाजसेवी संस्थाओं ने जगह-जगह पर पानी, छाछ, चाय, शर्बत और नास्ते की व्यवस्था की।

देर रात तक शहर में यात्रा शांतिपूर्ण माहौल में चलती रही। इस बार कृत्रिम तालाब में ही मूर्ति विसर्जित करने की सूचना पर भक्तों में खासी नाराजगी दिखने को मिली। बारडोली शहर में दो जगहों पर रामजी मंदिर ओवारा और तलावड़ी मैदान में बनाए गए कृत्रिम तालाब में प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। कुछ मंडलों ने नदी में ही विसर्जन की जिद्द की, लेकिन प्रशासन ने प्रतिमाओं को रास्ते में ही रोक लिया। जिले भर में छिटपुट घटनाओं को छोडक़र शांतिपूर्ण माहौल में गणपति प्रतिमा विसर्जन संपन्न हुआ।


बारडोली तहसील के कड़ोद से गुजरती तापी नदी में गणेश विसर्जन कर कई आयोजकों ने आदेश का उल्लंघन किया। जिसके कारण अन्य आयोजकों ने भी तापी में विसर्जन करने की जिद्द की, बाद में पुलिस ने समझा-बुझाकर मामला शांत कराया।

कॉमन प्लाट में तालाब बनाकर दी श्रीजी को विदाई
शहर की कई सोसायटियो के मंडलो ने कॉमन प्लाट में ही कृत्रिम तालाब निर्माण कर उसमें गणेश विसर्जन किया। बारडोली के रामबाग सोसायटी के लोगों ने सोसायटी के कॉमन प्लॉट में तालाब बनाया और मूर्ति का विसर्जन करने के बाद इसी मिट्टी पर पौधरोपण करने का संकल्प किया। सृष्टि सोसायटी में भी रहिशों ने कॉमन प्लॉट में ही तालाब बनाकर श्रीजी को विदाई दी।