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जानिए कैसे फंसा सूरत का कपड़ा बाजार एमएसएमई के पेंच में

प्रोसेस यूनिटों के बाद अब विविंग यूनिट में भी शुरू हुई उत्पादन में कटौती। डेढ़ माह में भुगतान कर देने की उलझन के कारण कपड़ा बाजार में व्यापार लगभग ठप हो गया है।

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सूरत

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Suresh Vyas

Feb 26, 2024

जानिए कैसे फंसा सूरत का कपड़ा बाजार एमएसएमई के पेंच में

जानिए कैसे फंसा सूरत का कपड़ा बाजार एमएसएमई के पेंच में

सूरत.एमएसएमई के नए नियमों के चक्कर में सूरत का कपड़ा व्यापार के मंदी के दलदल में डूबता जा रहा है। डेढ़ माह में भुगतान कर देने की उलझन के कारण कपड़ा बाजार में व्यापार लगभग ठप हो गया है। अब तक डाइंग- प्रोसेसिंग वीविंग यूनिटों मे सप्ताह में दो दिन अवकाश के हालात थे। अब वीविंग यूनिटो में भी उत्पादन में कटौती के लिए कारखाने बंद किए जा रहे हैं।

अंजनी इंडस्ट्रीयल एस्टेट में कई कारखाना संचालकों ने यूनिटों में उत्पादन बंद कर दिया है। अब तक वह एक शिफ्ट में काम चला रहे थे, लेकिन एमएसएमई पर कोई नतीजा नहीं निकलने के चलते हैं कारोबारियों ने यूनिट बंद कर देने का फैसला किया है।

पहले 120 दिन तक करते थे पेमेन्ट

केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स में एमएसएमई सेक्टर को लेकर नए प्रावधान किए हैं। इनके मुताबिक एमएसएमई की श्रेणी में आने वाले व्यापारियों से माल खरीदने वाले व्यापारियों को 45 दिन के भीतर ही पेमेंट कर देना होगा। यदि वह पेमेन्ट नहीं कर पाते और वित्तीय वर्ष बदल जाता है तो उन्हें इनकम टैक्स में यह रकम ख़र्च के तौर पर नहीं मिलेगी। सूरत के ज्यादातर कपड़ा व्यापारी एमएसएमई की श्रेणी में आते हैं। इनसे माल खरीदने वाले व्यापारी अब तक माल खरीदने के बाद 90 या 120 दिन के भीतर पेमेंट करते थे, लेकिन नए नियम के कारण उन्हें 45 दिन के भीतर पेमेंट करना होगा। इसके चलते उन्होंने माल की खरीद कम कर दी है। नतीजन सूरत के व्यापारियों ने भी वीविंग यूनिट से कपड़ा खरीदना कम कर दिया है। इससे वीविंग यूनिट में माल का स्टॉक हो गया है।

केन्द्र सरकार से गुहार बेअसर

कपड़ा कारोबारियों को केंद्र सरकार से गुहार लगाए जाने के बाद कुछ राहत की उम्मीद थी, लेकिन कोई फैसला नहीं हुआ। इससे कपड़ा बाजार की हालत तंग होती जा रही है। वीविंग यूनिट के मालिकों ने उत्पादन बंद करने का फैसला किया है। अंजनी इंडस्ट्रीयल एस्टेट में कई वीविंग कारखाने बंद हो गए है और कुछ मे 12 घंटे उत्पादन चल रहा है।सूरत वीवर्स एसोसिएशन के विजय मंगुकिया ने बताया कि एमएसएमई के नए नियमों के पेंच के कारण व्यापारियों ने माल खरीदना कम कर दिया है। इसलिए अब वह ज्यादा उत्पादन नहीं कर रहे और कारखाने बंद होने की नौबत आ रही है।

यार्न बाजार में भी शुष्क माहौल

वीविंग यूनिटो में उत्पादन में कटौती का यार्न के व्यापार पर भी असर पड़ा है। एमएसएमई के नियमों के चलते पूरा कपड़ा व्यापार बाधित हो रहा है।

-बकुल पंड्या, यार्न कारोबारी