
श्रमिकों की कमी से बिगड़ सकता है कपड़ा व्यापार का गणित
सूरत
दिवाली पर अपेक्षा से कम बिक्री होने के कारण चिंतित कपड़ा व्यापारियों को लग्नसरा पर अच्छी बिक्री रहने की उम्मीद है, लेकिन ज्यादातर श्रमिक मंदी के कारण वतन पलायन कर गए होने के कारण उन्हें लूम्स कारखानों से समय पर कपड़े मिलने को लेकर चिंता परेशान करने लगी है।
जीएसटी के कारण लूम्स कारखानों में काम घट जाने के कारण दो साल में एक लाख लूम्स मशीन बंद हो चुके हैं। इस कारण पहले से ही कई श्रमिक वतन चले गए थे। इसके बाद कपड़ों की बिक्री घटने के कारण भी लूम्स संचालकों ने भी कारखाने बंद कर दिए थे। इस कारण दिवाली के पहले बड़ी संख्या में श्रमिक वतन चले गए हैं। अब वह सूरत लौटेंंगे या नहीं इसे लेकर भी दुविधा का माहौल है। वतन चले गए श्रमिकों में से कई श्रमिक तो ऐसे हैं जो कि देहाड़ी के लिए अन्य राज्यों में भी चले जाएगें। इस कारण कपड़ा उद्यमियों की चिंता बढ़ी है।
कपड़ा व्यवसायियों का कहना है कि आगामी दिनों में लग्नसरा के कारण साड़ी और ड्रेस मटीरियल्स दोनों ही सेगमेन्ट में अच्छा व्यापार होना है। ऐसे में यदि श्रमिक वतन से नहीं आते तो कपड़ों का उत्पादन कर पाना मुश्किल हो जाएगा।जीएसटी के कारण लूम्स कारखानों में यदि समय पर कपड़े नहीं बने तो ऑर्डर रद्द हो सकते हैं। सकते हैं।
दिवाली पर्व पर काइट फैस्टिवल का आयोजन
शहर के सुवाली बीच पर टूरिज्म डिपार्टमेन्ट की ओर से दिवाली पर्व पर काइट फैस्टिवल का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर सूरत, गुजरात समेत अन्य राज्यों के पतंग प्रेमी अलग-अलग प्रकार के पतंग लेकर आए हैं। कई पतंग प्रेमी मछली, डायनोसोर, स्पाइडरमेन. तितली सहित कई पतंगे ले आए हैं। इन दिनों सुवाली बीच रंग-बिरंगी पतंगो से छा गया है। दिवाली वेकेशन के कारण बच्चों के साथ बड़ी संख्या में अभिभावक फैस्टिवल का लुत्फ लेने पहुंचे।
Published on:
12 Nov 2018 09:02 pm
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