सूरतPublished: Sep 26, 2022 01:04:43 pm
Divyesh Kumar Sondarva
नवरात्र NAVRATRI में देवीमां को प्रसन्न करने के लिए गरबा स्थापना कर उसके आसपास गरबा किया जाता है। पिछले दो साल से ठप पड़े मिटत के गरबे के व्यवसाय को इस साल नवजीवन मिल गया। गरबा मटकियां बनाकर उन्हें सजाकर बेचने वालों को इस साल बड़े-बड़े ऑर्डर मिले हैं। इनको पूरा करने के लिए विक्रेताओं ने 4 माह पहले से तैयारियां शुरू कर दी थी। इस साल सूरत समेत आसपास के क्षेत्रों को मिलाकर 10 लाख से अधिक गरबे की बिक्री का अंदाजा लगाया जा रहा है। इतने गरबे बिकने पर करीब 100 करोड़ का व्यापार होने की उम्मीद है।
गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और एमपी से भी मिले ऑर्डर:
कोरोना के कारण पिछले दो साल से नवरात्रि NAVRATRI के पर्व पर भी ग्रहण लग गया था। इस वजह से मिट्टी के गरबा बनाने वाले परिवार पर आर्थिक संकट छा गया था। इस साल सारी पाबंदी हट जाने के चलते मिट्टी के गरबा बनाने वाले व्यवसाय को जीवन मिल गया है। गरबा बनाने वाले परिवारों को इस बार बड़े ऑर्डर मिले हैं। सूरत में कई गरबा बनाने वाले परिवार हैं। ऑर्डर को पूरा करने के लिए बड़े व्यापारियों ने कई छोटे व्यापारियों को ऑर्डर दिए। सूरत में तैयार किए जाने वाले गरबा को सूरत के साथ दक्षिण गुजरात, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश में बिक्री के लिए भेजे जा रहे हैं। इस व्यापार से जुड़े सभी लोग इस साल को मिले ऑर्डर से काफी खुश हैं।